Madhya Pradesh: रीवा के संजय गांधी अस्पताल में चिकित्सकों ने एक जटिल प्लास्टिक सर्जरी कर मरीज का कटा हुआ हाथ जोड़ने में सफलता प्राप्त की है. यह दुर्लभ ऑपरेशन अस्पताल की बर्न यूनिट में प्लास्टिक सर्जरी विशेषज्ञों द्वारा किया गया.
कैसे हुआ हादसा
सीधी जिले के ग्राम सलैया निवासी अनिल साकेत लकड़ी काटने की मशीन से काम कर रहे थे, तभी उनका बाया हाथ कलाई से कटकर अलग हो गया. परिजनों द्वारा तत्काल प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को सीधी से संजय गांधी अस्पताल, रीवा रेफर किया गया.
ऐसे हुआ ऑपरेशन
25 फरवरी की सुबह करीब 9:30 बजे मरीज को संजय गांधी अस्पताल की कैजुअल्टी में लाया गया. प्राथमिक जांच के बाद प्लास्टिक सर्जरी टीम को सूचित किया गया. मरीज का हाथ जोड़ने के लिए हैंड री-इंप्लांट सर्जरी की तैयारी शुरू की गई.
सर्जरी के दौरान पहला चरण हड्डी को जोड़ने का था, जिसके लिए अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. वीवी सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके बाद प्लास्टिक सर्जन डॉ. अजय पाठक के नेतृत्व में करीब छह घंटे तक चली सर्जरी में – 15 टेंडन – 3 नसें – 2 धमनियां – 2 नसों को जोड़ा गया.
ऑपरेशन के बाद मरीज को आईसीयू में शिफ्ट किया गया, जहां उसकी हालत स्थिर है।
डॉक्टरों की टीम का योगदान
इस जटिल ऑपरेशन में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ. अजय पाठक, अस्थि रोग विभाग के डॉ. वीवी सिंह, निश्चेतक विभाग के डॉ. अरविंद राठिया और डॉ. आशुतोष की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
मरीज अनिल साकेत ने कहा, मेरा हाथ अब पहले से काफी अच्छा है, अंगुलियां भी चल रही हैं, यहां के डॉक्टरों ने मेरी जिंदगी बदल दी है।संजय गांधी अस्पताल के संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक डॉ. राहुल ने पूरी टीम को इस सफल सर्जरी के लिए बधाई दी.
चिकित्सकों ने बताया कि ऐसे हादसों में सावधानियों के साथ ग्लव्स पहनना और सुरक्षा उपाय अपनाना जरूरी है, यदि कोई अंग कट जाए तो उसे गीले कपड़े में लपेटकर बर्फ के कंटेनर में सुरक्षित रखना चाहिए और जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचना चाहिये, यह सर्जरी संजय गांधी अस्पताल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो यह दर्शाती है कि रीवा जैसे शहरों में भी आधुनिक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हैं.