पन्ना जिले से मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. यहां 80 वर्षीय भूरा आदिवासी और उनकी 75 वर्षीय पत्नी केशकली आदिवासी न्याय की गुहार लगाने पहुंचे और प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार के कदमों में गिरकर अपनी पीड़ा बयां की. बुजुर्ग दंपति ने रोते-बिलखते आरोप लगाया कि उन्हें जीवित रहते हुए भी मृत घोषित कर दिया गया है, जिससे न केवल उनके राशन कार्ड और वोटर सूची से नाम काट दिए गए बल्कि शासन की सभी योजनाओं से भी उन्हें वंचित कर दिया गया.
दबंगों पर जमीन हड़पने का आरोप
दंपति ने बताया कि गांव में उनकी एक एकड़ और गांव के बाहर पांच एकड़ जमीन थी. लेकिन गांव के कुछ दबंगों ने साजिश के तहत उन्हें मृत दिखाकर कब्जे का पंचनामा बनवा लिया और उनकी कुल छह एकड़ जमीन हड़प ली. अब वे दाने-दाने को मोहताज हैं और वृद्धावस्था पेंशन, खाद्यान्न सहित किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा.
मंत्री ने दिया आश्वासन, आगे बढ़ गए
जानकारी के मुताबिक, यह घटना उस समय हुई जब 17 अगस्त 2025 को प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार पन्ना जिले के ग्राम जनवार में उद्यानिकी विभाग के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. इस दौरान बुजुर्ग दंपति उनके पैरों में गिरकर मदद की गुहार लगाने लगे। मौके पर मौजूद मंत्री ने पटवारी को जांच कराने और कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, लेकिन उसके बाद कार्यक्रम स्थल से आगे बढ़ गए.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. वीडियो में साफ दिख रहा है कि बुजुर्ग दंपति मंत्री के सामने रो-रो कर अपनी जमीन बचाने और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की अपील कर रहा है.