दमोह: राजस्व विभाग से जुड़े अधिकारियों की कार्यप्रणाली से जिले की जनता बेहद नाखुश है. जिले में 3000 से ज्यादा प्रकरण लंबित पड़े हुए हैं. इनके निराकरण से लिए लोगों को तहसील कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
वहीं, इन दिनों तहसीलदार, नायब तहसीलदार व एसएलआर के हड़ताल पर जाने से जनता हैरान.परेशान हो रही है. सीमांकनए नामांतरण, बटांकन, जाति व जन्म प्रमाण आदि बनाए जाने के काम ठप पड़े हुए हैं. न्यायिक और गैर न्यायिक दो वर्गों के विभाजन के विरोध में 6 अगस्त से सभी अधिकारी अनिश्चितकालीनी हड़ताल पर हैं। ऐसे में जिले के तहसील कार्यालयों में कोई काम नहीं हो रहे हैं। जनता कार्यालयों के चक्कर काट रही है, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है.
सागर नाका क्षेत्र में संचालित दमयंतीनगर तहसील कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ था। परिसर में इक्का-दुक्का आवेदक ही मिले। बांसा क्षेत्र से आए राम प्रकाश अहिरवार ने बताया कि वह जाति प्रमाण पत्र के संबंध में आया थाए लेकिन कार्यालय में कोई अधिकारी नहीं मिले। बाबू ने दो बाद आने का बोला है। तहसीलदार व नायब तहसीलदार के कार्यालय में ताला जड़ा हुआ था.
नगर के मध्य में संचालित तहसील कार्यालय में लोगों की भीड़ दिखी। यहां मौजूद रमेशए प्रीमतए किशन ने बताया कि वह सीमांकन के कार्य से तहसील आए थे। पर यहां पर तहसीलदार नहीं मिले। पूछने पर मालूम चला कि हड़ताल पर हैं। यहां भी अधिकारियों के चेंबर में ताले जड़े हुए थे.
इस क्षेत्र में खाद की परेशानी से किसान हैैं। यहां के तहसील कार्यालय में भी दोपहर के वक्त सन्नाटा पसरा मिला. तहसीलदार व नायब तहसीलदार हड़ताल पर थे। अंदर जाकर देखा तो लिपिक वर्ग के कर्मचारी मिलेए जिन्होंने बताया कि एक हफ्ते से यही स्थिति है. आवेदक भी कम आ रहे हैं.
यहां के तहसील कार्यालय में हड़ताल का असर साफ तौर दिखाई दिया. कार्यालय में इक्का दुक्का कर्मचारी ही नजर आए। तहसीलदार कक्ष में ताला लगा हुआ था। कार्यालय में हटा, मडिय़ादो, हिनोता, लुहारी गांव के लोग मिले, जिन्होंने नामांतरण, बटांकन न होने की परेशानी बताई. यहां आने के बाद मालूम चला कि हड़ताल अभी भी जारी है.