मध्य प्रदेश राज्य शासन ने सोमवार की रात बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए राज्य प्रशासनिक सेवा के कई अधिकारियों का तबादला किया. श्योपुर जिले में 2011 बैच के रूपेश उपाध्याय को नया अपर कलेक्टर नियुक्त किया गया है.
अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय की नियुक्ति को जिले के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, बीते महीनों से अपर कलेक्टर का पद रिक्त होने के कारण कई अहम फैसलों में विलंब हो रहा था. अब उनके कार्यभार ग्रहण करने से जिले में नीति निर्धारण और विकास कार्यों को गति मिलने की उम्मीद है.
इधर, कराहल के एसडीएम मनोज गढ़वाल का तबादला अलीराजपुर जिले में कर दिया गया है. मनोज गढ़वाल का कार्यकाल श्योपुर और कराहल में काफी सक्रिय और उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने स्थानीय विवादों के समाधान, राजस्व मामलों की सुनवाई और आपदा प्रबंधन जैसे विषयों में प्रभावी कार्य किया। उनके स्थानांतरण के बाद कराहल में एसडीएम का पद रिक्त हो गया है, जिस पर शीघ्र नई नियुक्ति की संभावना जताई जा रही है.
सोशल मीडिया पर अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय का विरोध शुरू हुआ
अब सोशल मीडिया पर नव नियुक्त अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय का विरोध शुरू हो गया है. ये रूपेश उपाध्याय श्योपुर में एसडीएम और अपर कलेक्टर के पद पर रह चुके हैं.2021 में आई श्योपुर में भीषण बाढ़ पर अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय पर लोगों ने गंभीर आरोप भी लगाए थे. सोशल मीडिया पर नरेंद्र मुंडला ने लिखा कि अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय की श्योपुर वापसी,3 अगस्त को श्योपुर जिले की आपदा आई थी और आपदा राहत में इन पर क्या क्या आरोप लगे थे यह सबको मालूम है.इसके अलावा कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय का जमकर विरोध करना शुरू कर दिया है.