Madhya Pradesh: सीधी के घोघरा में माँ काली का चमत्कारी मंदिर: जहां मंत्र से चढ़ती है ‘जिंदा बकरे’ की बली…

Madhya Pradesh: सीधी जिले से लगभग 50 किलोमीटर दूर, पहाड़ियों और नदियों से घिरे छोटे से गांव घोघरा में स्थित है एक अनोखा और चमत्कारी मंदिर, माँ काली का मंदिर, जो श्रद्धालुओं के लिए आस्था और रहस्य का अनोखा संगम है, यह स्थान न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसकी परंपराएं और मान्यताएं भी इसे विशेष बनाती हैं.

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कहा जाता है कि मुगल दरबार के नवरत्नों में शामिल बीरबल को भी यहीं सिद्धि प्राप्त हुई थी, माँ काली के आशीर्वाद से उसे विशेष शक्ति प्राप्त हुई, और तभी से यह स्थान साधना का केंद्र माना जाता है.

नवरात्रि के दौरान यहाँ अनोखी बली प्रथा देखने को मिलती है, जो पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी रहती है। यहाँ किसी जानवर की गर्दन काटकर बलि देने की परंपरा नहीं है, बल्कि मंत्रोच्चार के माध्यम से ‘जिंदा बकरे’ की बली चढ़ाई जाती है.

इस प्रक्रिया में बकरे को मंत्रों द्वारा अचेत किया जाता है। कुछ देर के लिए वह गिर जाता है, जिससे प्रतीत होता है कि उसकी बली चढ़ गई, लेकिन कुछ ही क्षणों में वह बकरा फिर से उठ खड़ा होता है जैसे किसी अलौकिक शक्ति ने उसे छुआ हो.

इस प्रथा को लेकर मंदिर के पुजारी सदानंद तिवारी बताते हैं कि करीब 50 साल पहले मेरे बाबा जी को माँ काली ने स्वप्न में दर्शन दिए थे। उन्होंने कहा कि अब किसी निर्दोष जानवर का वध न किया जाए। जो भी भक्त सच्चे मन से माँ की आराधना करेगा, उसकी मनोकामना पूरी होगी, इसके लिए बकरे को मंत्रों के माध्यम से प्रतीकात्मक रूप में बली देनी होगी.”

उसके बाद से मंदिर में यह नई परंपरा शुरू हुई, जो आज भी ज्यों की त्यों निभाई जाती है। मन्नत पूरी होने के बाद श्रद्धालु बकरा लेकर आते हैं, और उसे मंत्रों से अचेत करके बलि अर्पित करते हैं। फिर वह बकरा खुला छोड़ दिया जाता है, जो आसपास के जंगलों में चला जाता है.

स्थानीय श्रद्धालुओं का मानना है कि, यह प्रक्रिया केवल माँ काली के विशेष आशीर्वाद से ही संभव है, और जो कोई भी सच्चे मन से यहाँ माँ की पूजा करता है, उसकी हर मनोकामना जरूर पूरी होती है.

घोघरा का यह मंदिर अब धीरे-धीरे प्रदेश भर में चर्चा का केंद्र बनता जा रहा है, नवरात्रि के दौरान यहाँ हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और इस अद्भुत बलि प्रथा के साक्षी बनते हैं.

यह मंदिर आस्था, परंपरा और रहस्य का ऐसा संगम है, जहाँ भक्ति के साथ-साथ अध्यात्म की एक अनोखी अनुभूति होती है और माँ काली की कृपा से हर मनोकामना होती है पूर्ण.

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