Madhya Pradesh: दमोह जिले के तेंदूखेड़ा से एक चिंताजनक खबर सामने आई है, जहां वार्ड नंबर तीन और चार में उल्टी-दस्त की बीमारी ने तेजी से पैर पसार लिए हैं शुक्रवार और शनिवार के दिन एक दर्जन से ज्यादा लोग बीमार हो गए, जिनमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं. सभी मरीजों को तेंदूखेड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां प्राथमिक उपचार जारी है.
बीमारी फैलने की जानकारी मिलते ही प्रशासन हरकत में आया. एसडीएम मनीष गंधर्व और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ डॉ. अशोक बरौनिया ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। जांच में सामने आया कि इलाके में जल आपूर्ति की पाइपलाइनें कई जगह खुली पड़ी हैं, जिनमें बारिश का गंदा पानी आसानी से घुस जाता है। इससे पानी में बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं, जो उल्टी-दस्त जैसी बीमारियों को जन्म दे रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने फिल्टर प्लांट से लिए गए पानी के सैंपल की जांच की, जो पॉजिटिव पाए गए। यानी पानी दूषित था। इसके अलावा वार्ड तीन और चार की पाइप लाइनों से भी सैंपल लिए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट का इंतजार है. अधिकारियों का कहना है कि यह स्थिति पाइपलाइन की लापरवाही और साफ-सफाई की कमी के कारण उत्पन्न हुई है.
इलाके के लोगों ने बताया कि अक्सर पाइपलाइनें खुली रहती हैं और लोग पानी भरने के बाद भी उन्हें बंद नहीं करते, जिससे गंदा पानी अंदर चला जाता है. बरसात के मौसम में यह समस्या और बढ़ जाती है.
हालात को देखते हुए अस्पताल में 30 बिस्तरों का एक विशेष वार्ड तैयार किया गया है, जहां डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की टीम लगातार मरीजों का इलाज कर रही है. प्रभावित क्षेत्रों में दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है और लोगों को साफ पानी उबालकर पीने की सलाह दी जा रही है.
एसडीएम मनीष गंधर्व ने बताया कि नगर परिषद को साफ-सफाई बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं और पाइपलाइन सुधार कार्य भी शीघ्र शुरू किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग ने इलाके में एक विशेष जागरूकता अभियान भी शुरू किया है, ताकि लोग स्वच्छता के प्रति सजग हों और ऐसी बीमारियों से बच सकें.
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की अपील है कि लोग बिना उबाले या फिल्टर किए पानी का सेवन न करें, और पाइपलाइन को खुला न छोड़ें. स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और किसी भी नए मरीज की सूचना मिलने पर तत्काल उपचार की व्यवस्था की जा रही है.