Madhya Pradesh: जाति सूची से नाम गायब, मऊगंज के प्रजापति समाज के 50 हजार लोग संकट में…

मऊगंज जिले में प्रजापति (कुम्हार) समाज के हजारों लोगों के सामने बड़ी प्रशासनिक गलती ने शिक्षा और रोजगार का संकट खड़ा कर दिया है. जिले की मैपिंग के दौरान इस समाज की जाति को सरकारी पोर्टल से हटा दिया गया, जिससे उन्हें जाति प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा. यह समस्या केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि लगभग 50 हजार प्रजापति समाज के लोगों की है, जिनमें से करीब 10 हजार बच्चे स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि 5 हजार स्नातक युवा रोजगार की तलाश में हैं.

सरकारी दफ्तरों के चक्कर, लेकिन सुनवाई नहीं
इटौरा गांव के रामजी प्रजापति बताते हैं कि उनके पास खेती नहीं है और परिवार का पालन-पोषण वे मटके, गमले और मूर्तियां बनाने के पुश्तैनी काम से करते हैं. उनके बेटे-बेटी 11वीं और 9वीं में पढ़ते हैं, लेकिन जाति प्रमाण पत्र न होने के कारण छात्रवृत्ति और अन्य शैक्षणिक सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं. रामजी कहते हैं, “एक साल से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं हुआ. लोक सेवा केंद्र पर जाते हैं तो कर्मचारी कहते हैं कि पोर्टल पर आपकी जाति दर्ज ही नहीं है.”

बच्चों का एडमिशन अटका, भविष्य अधर में
शिवराजपुर की रोहिणी प्रजापति भी यही समस्या झेल रही हैं. उनकी बेटी 12वीं और बेटा 5वीं में पढ़ता है, पर प्रमाण पत्र के अभाव में कई योजनाओं से वंचित हैं. वहीं, श्यामलाल प्रजापति बताते हैं कि उनके परिवार के चार बच्चों का स्कूल में प्रवेश ही नहीं हो पा रहा.

मैपिंग के बाद पोर्टल से हटाई गई जाति
रीवा जिले में कुम्हार (प्रजापति) जाति एससी श्रेणी में दर्ज है, लेकिन मऊगंज को अलग जिला बनाए जाने और नई मैपिंग के बाद यह जाति पोर्टल की सूची से गायब हो गई. अखिल भारतीय प्रजापति कुम्हार महासंघ के जिला अध्यक्ष राममिलन प्रजापति का कहना है कि यह सरकार की गलती है, जिसका खामियाजा समाज को भुगतना पड़ रहा है.

कलेक्टर ने दिए आश्वासन, 15 दिन में समाधान का दावा
कलेक्टर संजय कुमार जैन ने इस समस्या को स्वीकार करते हुए कहा, “यह मैपिंग त्रुटि है, शासन को पत्राचार किया गया है। 15 दिन में समस्या का समाधान होगा. सभी स्कूल प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं कि प्रमाण पत्र न होने पर भी बच्चों का प्रवेश न रोका जाए.”

प्रजापति समाज के लोग अब उम्मीद लगाए बैठे हैं कि प्रशासन अपनी गलती जल्द सुधारे, ताकि उनके बच्चों का भविष्य और युवाओं का करियर अंधेरे में न जाए.

Advertisements