सतना: चित्रकूट उप वन मंडल के बाघ बाहुल्य क्षेत्र मझगवां की सरभंगा सर्किल से एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है, जो मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोल सकती है, शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात सौशर क्षेत्र में लगे ट्रैप कैमरे में उस बाघिन की तस्वीर कैद हुई है, जिसने करीब तीन माह पूर्व तीन शावकों को जन्म दिया था, यह पहला मौका है जब शावकों के जन्म के बाद बाघिन को कैमरे में देखा गया है.
वन परिक्षेत्राधिकारी पंकज दुबे ने बताया कि, यह सौशर क्षेत्र वन विभाग द्वारा संरक्षित किया गया है, जहां बाघिन ने शावकों को जन्म दिया, यह घटना न केवल वन्यजीव संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग को भी एक नया आकर्षण केंद्र मिल सकता है.
वन विभाग द्वारा इस क्षेत्र में बाघों की सुरक्षा और निगरानी के लिए व्यापक उपाय किए गए हैं, सरभंगा सर्किल में अनुमानित 34 बाघ-बाघिनों का बसेरा है। ट्रैप कैमरे और प्रशिक्षित वनकर्मियों के माध्यम से यहां बाघों की सतत निगरानी की जा रही है, इसके अलावा वाइल्ड लाइफ भोपाल से 200 आधुनिक ट्रैप कैमरों की मांग की गई है, जिससे निगरानी व्यवस्था को और मजबूत किया जा सकेगा.
मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग यदि इस क्षेत्र को नियंत्रित इको-टूरिज्म के रूप में विकसित करता है, तो पर्यटकों को वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अनूठा अनुभव मिल सकता है, साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे, चित्रकूट, जो पहले से ही धार्मिक पर्यटन का केंद्र है, अब वन्यजीव पर्यटन के रूप में भी अपनी पहचान बना सकता है.