Madhya Pradesh: रीवा कबाड़ी मोहल्ले में पुलिस कर्मियों पर हमला, दो आरोपियों को पकड़ने गई थी पुलिस

Madhya Pradesh: नशे के गढ़ कबाड़ी मोहल्ले  में पुलिस कर्मियों पर हुआ जानलेवा हमला मचा हड़ंप नशे में धुत युवकों ने पुलिस पर किया हमला,सिपाही के चेहरे पर घूंसा और डंडे से किया वार मचा हड़कंप नशे में धुत युवकों ने पुलिस पर किया जानलेवा हमला.

Advertisement

रीवा.खबर मध्य प्रदेश के रीवा जिले से है जहां नशे में धुत युवकों ने पुलिस पर किया हमला,सिपाही के चेहरे पर घूंसा और डंडे से किया वार मचा हड़कंप  जानकारी के मुताबिक बताते चले सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत  नशे का गढ़ कहे जाने वाले कबाड़ी मोहल्ले में नशे में धुत दो युवकों को पकड़ने गयी  सिविल लाईन पुलिस पर जानलेवा हमला कर दिया. हमले में सिविल लाईन थाने के दो  सिपाही  जख्मी हो गये.

सिपाही के हाथ की कलाई  और सर में चोट आयी है वहीं आरोपियों ने पुलिस के ऊपर जानलेवा हमला करके भीड़  का फायदा उठाते हुए मौके  से फरार हो गए  वही अभी तक सिविल लाइन पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने में नाकाम रही क्या रीवा पुलिस मऊगंज जैसे घटना होने का इंतजार कर रही है कि जैसे वहां पर पुलिस के ऊपर पथराव हुआ और एक एएसआई की मौत हो गई वहीं कुछ राहगीरों का आरोप है कि सिविल लाइन थाना क्षेत्र के अंतर्गत जयस्तम चौराहे पर गोरेलाल नाम की एक फल कि दुकान है.

जहां से अपराधियों को संरक्षण दिया जाता है क्योंकि नशे का गढ़ कहे जाने वाले कबाड़ी मोहल्ले में पुलिस कितनी भी कड़ी से कड़ी कार्यवाही करते हुए नशे के कारोबारियों कि कमर तोड़ने का प्रयास करती है लेकिन तोड़ नहीं पाती क्योंकि जयस्तम चौराहे पर मौजूद गोरेलाल फल के दुकान के मालिक हमेशा से पुलिस के रास्ते का रोड़ा बनकर खड़ा हो जाता है जिससे पुलिस से अपराधियों द्वारा मारपीट के वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे गोरेलाल फल के दुकान का मालिक खड़े होकर अपराधियों से पुलिस को पिटवा रहा है.

आखिर पिटवाए ही क्यों ना क्योंकि वीडियो वॉयरल होने के बाद भी पुलिस ने अभी तक गोरेलाल फल के ऊपर कोई भी कार्यवाही नहीं कर पाई आखिर क्या मजबूरी है सिविल लाइन पुलिस क्या सही में गोरेलाल फल वाले के ऊपर किसी मंत्री या पुलिस के आला अधिकारियों का हाथ है जिससे मनबढ़ंत दबंग गोरेलाल फल वाले के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है साथ ही साथ राहगीरों का यह भी आरोप है कि यदि गोरेलाल फल वाले के ऊपर किसी मंत्री या पुलिस के आला अधिकारियों का हाथ ना होता तो यह दुकान बारहो महीना चौबीस घंटे दुकान नहीं खुलती अब यहां सवाल यह उठता है.

की कुछ आला अधिकारी या मंत्री बारहों महीना फल के प्रलोभन में पड़ते है या गोरेलाल फल के दुकानदार के ऊपर कार्यवाही करते हुए नशे के कारोबार को जड़ से उखाड़ फेंकते है.

Advertisements