सीधी जिले के जनपद क्षेत्र सिहावल अंतर्गत प्रसिद्ध घोघरा देवी मंदिर, जहां देशभर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, पिछले तीन से चार महीनों से धर्मशाला विवाद को लेकर सुर्खियों में बना हुआ था. इस विवाद के चलते श्रद्धालुओं को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. मामला तब और बिगड़ गया जब रविवार देर रात ग्राम पंचायत सिहावल के सरपंच आनंद सिंह बघेल ने धर्मशाला के गेट पर तीन अलग-अलग ताले जड़ दिए.
इस घटना की सूचना ग्रामीणों द्वारा एसडीएम सिहावल प्रिया पाठक को दी गई. तत्काल प्रभाव से पटवारी बाल्मिक पटेल को मौके पर भेजा गया और पूरी स्थिति की जानकारी एसडीएम तक पहुंचाई गई. विवाद सोमवार शाम 4 बजे चरम पर पहुंच गया. जब स्थिति शांत नहीं हुई तो आखिरकार शाम 5:30 बजे एसडीएम प्रिया पाठक स्वयं मौके पर पहुंचीं और मोर्चा संभाला.
करीब दो घंटे की गहन समझाइश और दोनों पक्षों से चर्चा के बाद समाधान निकाला गया। तय हुआ कि फिलहाल धर्मशाला की चाबी पटवारी आशु पांडे और रात की ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के पास ही रहेगी. न तो यह चाबी सरपंच के पास होगी और न ही समिति के पास, ताकि किसी भी तरह का नया विवाद उत्पन्न न हो.
हालांकि विवाद की जड़ यानी मंदिर में आने वाले दान के पैसों का प्रबंधन किसके पास रहेगा, इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका. इसके अलावा धर्मशाला में खराब हैंडपंप की मरम्मत की जिम्मेदारी पीएचई विभाग उठाएगा या प्रशासन, यह मुद्दा भी अभी टल गया.
एसडीएम प्रिया पाठक ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में विवाद शांत करा दिया गया है. उन्होंने घोषणा की कि नवरात्रि के बाद दोनों पक्षों की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें दान और प्रबंधन से जुड़े सभी पहलुओं पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
इस तरह तीन महीने से चला आ रहा विवाद, जिसे लेकर तनाव बढ़ रहा था, सिर्फ दो घंटे की सख्त कार्यवाही और समझाइश से फिलहाल समाप्त कर दिया गया। श्रद्धालुओं ने राहत की सांस ली और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की.