उमरिया: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) के खितौली परिक्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है. सलखनिया के कक्ष क्रमांक 384 में एक करीब 8 महीने के बाघ शावक का शव मिला, जिससे जंगल में सन्नाटा पसर गया. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शावक की मौत एक अन्य बाघ के साथ संघर्ष के कारण हुई.
वन विभाग के अनुसार, घटनास्थल पर एक बड़े बाघ के पगचिह्न मिले हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह टकराव दो बाघों के बीच हुआ था। परिक्षेत्र अधिकारी स्वस्ति श्री जैन ने बताया कि कुछ स्थानीय श्रमिकों ने बाघों की गरज और संघर्ष की तेज़ आवाज़ें सुनी थीं। जब वनकर्मी मौके पर पहुंचे, तो शावक का शव पड़ा मिला.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुआ खुलासा
घटना की सूचना मिलते ही वन्यजीव डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंची और शावक का पोस्टमॉर्टम किया. रिपोर्ट के मुताबिक, शावक की मौत श्वास नली के खंडित होने और गर्दन की हड्डियों के टूटने से हुई. इसके अलावा, शरीर पर कई घाव भी मिले, जो भीषण संघर्ष को दर्शाते हैं.
बीटीआर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
शावक के अंतिम संस्कार के बाद, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी है. दो प्रशिक्षित हाथियों की मदद से जंगल में गश्त बढ़ा दी गई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह टकराव प्राकृतिक वर्चस्व की लड़ाई थी या इसके पीछे कोई अन्य कारण है।
बाघों के बीच संघर्ष जंगल के संतुलन का हिस्सा होता है, लेकिन इस घटना ने वन्यजीव प्रेमियों को झकझोर कर रख दिया है। बांधवगढ़, जो अपनी बाघों की समृद्ध आबादी के लिए प्रसिद्ध है, वहां इस तरह की घटनाएं स्वाभाविक तो हैं, लेकिन हर बार यह एक गहरी चिंता का विषय बन जाती हैं.