Madhya Pradesh: सीधी जिले के संजय टाइगर रिजर्व के पोड़ी वन मंडल परिक्षेत्र के पोडी रेंज में जंगली हाथियो ने एकबार पुनःउत्पात मचाया है, हाथियो ने एक मकान को तोड़ दिया. वहीं घर के भीतर रखे गेहूं को भी खा गया. एवं रखे आवश्यक सामग्री को क्षतिग्रस्त कर दिये है. बताया जा रहा है कि क्षेत्र में 11 हाथियों का झुंड घूम रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम गाजर निवासी रमेश पिता बीरबल मिश्रा व्यक्ति अपने परिवार के साथ घर में सो रहे थे। रात के समय अचानक हाथियो का झुण्ड पहुंचा और उसने उत्पात मचाते हुए मिट्टी की दीवार को तोड़ने लगे।तब हाथी के आने की आहट सुनकर कमरे में सो रहे लोग को किसी तरह बाहर निकालकर भाग गये. और हाथियो ने कई बोरी गेहू को सूंड से निकालकर खा लिया.
कई बार घट चुकी है घटना
बताते चलें कि संजय टाइगर रिजर्व के ग्राम पंचायत गजर में हाथियों की घट चुकी है जिसमें हाथियों ने उत्पाद मचाकर घर में रखे अनाज एवं आवश्यक सामग्रियों के साथ तोड़फोड़ कर दिए हैं लेकिन कई ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें उनकी क्षतिपूर्ति सहायता राशि प्रशासन के द्वारा अभी तक नहीं प्रदान की गई है जिससे लोग किसी तरह से वहां पर रहकर गुजर अभी भी कर रहे हैं.
विस्थापन में अधिकारियों की नहीं है रूचि
संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र के कई ऐसे गांव हैं जहां विस्थापन की प्रक्रिया अभी होनी बाकी है एवं हो भी चुकी हैं जिसमें पूरी तरह से गांव के लोगों को प्रशासन विस्थापित नहीं कर पाया है जिससे विस्थापन से संचित परेशान व्यक्ति आवेदन लेकर कार्यालयो पर भटकते देखे जा रहे हैं लेकिन उनका काम नहीं हो पा रहा है वहीं बताया यह भी जा रहा है की विस्थापन में कई दलाल हाबी हैं जिनके माध्यम से ही विस्थापन की कार्यवाही हो पाती है, और उन दलालो से अगर मनचाही राशि का सौदा नहीं हो जाता तो लोग विस्थापन की प्रक्रिया सेवो छूट जाते हैं और ऐसे कई लोग हैं जिनका हाईकोर्ट से तक से निर्णय आ गया है कि उन्हें विस्थापन पैकेज का लाभ दिया जाए लेकिन दलालों की दलाली अधिकारियों के लापरवाही के कारण विस्थापन प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है इसलिए ऐसे जंगली क्षेत्र जहां जानवरों का मूवमेंट आए दिन बना रहता है वहां के लोग स्थापित नहीं हो पाते और ऐसे मामलो पर अधिकारियों की रुचि भी लाभ दिखाने की नहीं दिखाई दे रही है जिसके कारण लोगों को ऐसी बड़ी घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है मामले पर विपक्ष के नेता भी सक्रियता नहीं दिखा पा रहे है.