इंदौर। मध्यप्रदेश में आजकल हाथी चर्चा के केंद्र में हैं. बांधवगढ़ में पिछले सप्ताह 10 हाथियों की मौत के बाद सरकार ने सख्ती दिखाई. इसी दौरान लगातार सूचनाएं आ रही हैं कि छत्तीसगढ़ से हाथियों के झुंड बांधवगढ़ नेशनल पार्क के साथ ही संजय गांधी नेशलन पार्क में अपना आशियाना बना रहे हैं. हाथियों की लगातार आमद और आसपास के गांवों में हाथियों के आतंक से जहां वन विभाग चिंतित है तो वहीं राज्य सरकार ने इन मेहमानों की स्थायी और माकूल व्यवस्था बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.
हाथियों के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश
राज्य सरकार सोच रही है कि जिस प्रकार मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट के नाम से पूरे देश में जाना जाता है, उसी प्रकार यहां हाथियों को महत्व दिया जाना चाहिए. आगे चलकर मध्यप्रदेश को एलीफेंट स्टेट के रूप में भी दर्जा दिया जाए. दरअसल, छत्तीसगढ़ के रास्ते मध्य प्रदेश में बढ़ रही हाथियों की बसाहट और गतिविधि के चलते राज्य सरकार ने अब राज्य में हाथियों के लिए अलग से कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं. इंदौर में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा “फिलहाल मध्य प्रदेश में 100 से ज्यादा हाथी अब स्थाई रूप से रह रहे हैं.”
एमपी में हाथियों के लिए बेहतर वातावरण बनाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा “यह मध्य प्रदेश के लिए गौरव की बात है. इसके लिए अब मध्य प्रदेश में हाथियों के विशेषज्ञों की टीम और हाथी मित्रों के साथ साथियों के लिए सुगम और समुचित व्यवस्थाएं की जाएंगी. इसको लेकर पड़ोसी राज्यों के साथ ताल मेल बैठाकर उनके लिए बेहतर वातावरण विकसित किया जाएगा.” पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने इंदौर के छतरीपुरा की घटना को लेकर कहा “हम सभी वर्गों को साथ में लेकर विकासशील प्रदेश की योजना बना रहे हैं. लेकिन जो भी व्यक्ति लॉ एंड आर्डर को अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.”