बांग्लादेश की प्रमुख पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के महासचिव फखरुल इस्लाम आलमगीर ने बुधवार को देश की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि शेख हसीना सरकार के पतन के तीन महीने ही बीते हैं और बांग्लादेश की सड़कों पर हिंसा भड़क उठी है, लोग एक-दूसरे का खून बहा रहे हैं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को निशाना बनाकर हमले किए जा रहे हैं.
बांग्लादेश में एक प्रेस क्लब में बोलते हुए शेख हसीना की विपक्षी पार्टी के नेता आलमगीर ने कहा, ‘तीन महीने के भीतर ही सड़कों पर झगड़े शुरू हो गए हैं. लोग एक-दूसरे का खून बहा रहे हैं, अखबारों के दफ्तरों को जलाया जा रहा है और उन पर हमले किए जा रहे हैं… क्या यह बलिदानों का नतीजा है?’
‘यह कैसा बांग्लादेश है…’
बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के कारण 5 अगस्त को शेख हसीना की सरकार गिर गई थी. आंदोलन के दौरान बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं को निशाना बनाया गया. नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में गठित अंतरिम सरकार में भी बांग्लादेश में हिंसा का दौर थम नहीं रहा और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की खबरें आती रही हैं.
देश के इन हालातों का जिक्र करते हुए फखरुल ने पूछा, ‘यह कैसा बांग्लादेश है? क्या हम 5 अगस्त से पहले ऐसे देश को जानते थे? आज यह भयानक हिंसा क्यों है? यह अस्थिरता क्यों है? समस्याएं कहां आ रही हैं? मैं ये सवाल आपके सामने रखता हूं.’
उन्होंने कहा कि 5 अगस्त के विद्रोह ने एकजुट होने और सार्थक परिवर्तन लाने का अवसर दिया है. उन्होंने आगे कहा, ‘अभी तीन महीने भी नहीं बीते हैं और हमारा असली स्वरूप सामने आने लगा है. इस तरह के व्यवहार से कभी सफलता नहीं मिल सकती. अगर हमारे घर में विभाजन और संघर्ष जारी रहेगा, तो हम कुछ भी ठीक नहीं कर सकते.’
‘धर्म के नाम पर पागलपन…’
बीएनपी महासचिव ने आगे कहा कि ‘बांग्लादेश में धर्म के नाम पर पागलपन जारी है’. उन्होंने इस पर चिंता जताते हुए कहा, ‘स्वतंत्र प्रेस के लिए हमारी लंबी लड़ाई के बावजूद, मीडिया ऑफिसों में आग लगाई जा रही है. यह वह बांग्लादेश नहीं है जिसकी हमने कल्पना की थी, कम से कम ये वो बांग्लादेश नहीं है जिसे मैं देखना चाहता हूं.’
बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथी सोशल मीडिया पर आगजनी का आह्वान कर रहे हैं. उनके इस आह्वान पर चेतावनी देते हुए बीएनपी महासचिव ने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया के जरिए विभाजन पैदा कर देश को अंधेरे में ले जाना चाहते हैं.
उन्होंने आगे कहा, ‘पागलपन यहीं खत्म नहीं होता… जलाने और तोड़फोड़ करने के आह्वान किए जा रहे हैं. क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि वे बांग्लादेश को कहां ले जाना चाहते हैं… क्या हम अपने पीछे खंजर लिए खड़े हमलावर को पहचानते हैं? साफ तौर पर, हम नहीं पहचानते. अगर हम पहचानते तो हमारे मुंह से ऐसे गैरजिम्मेदार और लापरवाह शब्द नहीं निकलते.’
बीएनपी महासचिव ने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार को भी सोच-समझकर बयान जारी करने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि सरकार के बयान लोगों के बीच भ्रम पैदा कर सकते हैं इसलिए सरकार को भ्रामक बयान देने से बचना चाहिए.