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महाकुंभ भगदड़ मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मांगा रिकॉर्ड, 19 फरवरी को अगली सुनवाई..

प्रयागराज महाकुंभ में 29 जनवरी को मची भगदड़ में लापता और जान गंवाने वाले लोगों की डिटेल जुटाने के लिए न्यायिक निगरानी समिति गठित करने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. जिस पर चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की बेंच ने गुरुवार 13 फरवरी को सुनवाई की.

प्रयागराज जिले के सुरेश चंद्र पांडेय की इस याचिका पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को लगाए गए आरोपों के समर्थन में सामग्री रिकॉर्ड में दर्ज कराने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई की 19 फरवरी को तय की गई है.

न्यायिक निगरानी समिति गठित करने की मांग

सुरेश चंद्र पांडेय की तरफ से दाखिल जनहित याचिका में भगदड़ में कई लोगों की मौत और घायल होने के मामले में न्यायिक निगरानी समिति गठित करने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने उन समाचार रिपोर्ट का संदर्भ दिया है जिनमें कहा गया है कि भगदड़ में मारे गए लोगों के शव दयनीय स्थिति में रखे गए हैं. याचिका में उन्होंने कहा है कि शवों जमीन पर बोरे में लपेटकर रखा गया है और रेफ्रिजरेशन की व्यवस्था नहीं होने से शव सड़ गल रहे हैं.

‘सरकार द्वारा गठित आयोग के जांच का दायरा सीमित’

याचिका पर वकील का कहना था कि सरकार द्वारा गठित जांच आयोग के जांच का दायरा सीमित है. आयोग के जांच के दायरे में लापता लोगों का पता लगाने और घटना में कितने लोगों की मौत हुई, यह शामिल नहीं है. वहीं याचिका में यह भी मांग की गई है कि जांच समिति की जानकारी प्रमुख और क्षेत्रीय समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित कराने का निर्देश दिया जाए ताकि लोग समिति को जानकारी दे सकें.

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जाने को कहा था

इसके अलावा याचिका में मांग की गई कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी महाकुंभ और मुख्य चिकित्साधिकारी प्रयागराज को पोस्टमार्टम हाउस में घायलों के प्रवेश और शवों के निस्तारण का रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाए. जनहित याचिका के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में महाकुंभ भगदड़ के लिए उत्तर प्रदेश राज्य के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग में जनहित याचिका दाखिल की गई थी. हालांकि कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था. साथ ही घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए हाईकोर्ट जाने को कहा था.

9 जनवरी को हुई भगदड़ की घटना

उत्तर प्रदेश सरकार ने 29 जनवरी को हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एक न्यायिक आयोग गठित किया है. आयोग ने इस घटना के संबंध में लोगों से सूचना उपलब्ध कराने को कहा है.

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