महादेव बेटिंग ऐप मामले में छत्तीसगढ़ से आई ईडी की टीम ने बुधवार को जयपुर में ड्राई फ्रूट व्यापारी के घर पर छापा मारा। सोडाला स्थित एपल रेजीडेंसी में व्यापारी भरत दाधीच के फ्लैट पर ईडी की टीम सर्च कर रही है। टीम के साथ सुरक्षा बल भी तैनात है। दरअसल, आज महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े लोगों के 60 ठिकानों पर सर्च की जा रही है। ये कार्रवाई छत्तीसगढ़, भोपाल (मध्य प्रदेश), कोलकाता (पश्चिम बंगाल), दिल्ली और राजस्थान में एक साथ चल रही है।
सूत्रों के अनुसार, कई बड़े नेताओं, सीनियर ब्यूरोक्रेट्स, पुलिस अधिकारियों, महादेव बुक के मुख्य संचालकों और अन्य व्यक्तियों के ठिकानों पर रेड डाली गई है। ईडी को जयपुर से मनी लॉन्ड्रिंग, क्रिप्टो करेंसी और शैल कंपनियों से जुड़े सबूत मिले थे। इसी आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है। जयपुर के कई बड़े व्यापारी भी ईडी के रडार पर हैं, जिनके खाते महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े पाए गए हैं।
अवैध सट्टा रैकेट में बड़े खुलासे की संभावना
छापेमारी के दौरान कई डॉक्यूमेंट और डिजिटल सबूत मिले हैं, जिनमें से कुछ में अवैध सट्टा रैकेट में शामिल प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता का पता चलता है। इस छापेमारी अभियान में आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।
महादेव बुक अवैध रूप से करोड़ों का लेन-देन करता है
महादेव बुक पिछले कुछ सालों में भारत में सबसे बड़े ऑनलाइन सट्टेबाज प्लेटफॉर्म में से एक बन गया है। यह ऐप और वेबसाइट के जरिए अवैध रूप से करोड़ों रुपए का लेन-देन करता है और क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेलों पर सट्टा लगाता है।
इसका नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है। इसमें कई प्रभावशाली लोग भी शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी पिछले साल इस घोटाले की जांच की थी और कई करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। महादेव बुक से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ़्तार भी किया था।
जूस बेचने वाले ने खड़ा किया सट्टा रैकेट, महादेव बेटिंग ऐप की कहानी
- छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी रामेश्वर चंद्राकर नगर निगम में पानी के पंप चलाने वाले ऑपरेटर का काम करते हैं। उनके बेटे का नाम सौरभ चंद्राकर है। सौरभ भिलाई में ही ‘जूस फैक्ट्री’ के नाम से एक छोटी सी जूस की दुकान चलाता था। इसी दौरान उसकी दोस्ती रवि उप्पल नाम के इंजीनियर से हो गई। रवि उप्पल एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था।
- 2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई। हालांकि, शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे और इससे काफी कम कमाई होती थी। सौरभ की कमाई का मुख्य जरिया जूस की दुकान ही थी।
- 2019 में नौकरी के लिए सौरभ दुबई चला गया। कुछ समय बाद सौरभ ने रवि को भी दुबई बुलवा लिया। रवि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने बेटिंग वेबसाइट के जरिए पैसा कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था।
- इसके बाद दोनों ने महादेव बुक ऑनलाइन के नाम से एक बेटिंग वेबसाइट और ऐप बनाया। इसे सोशल मीडिया और दूसरे तरीके से प्रमोट करना शुरू कर दिया। सौरभ ने महादेव कंपनी का बिजनेस फैलाने के लिए 2 रास्ते अपनाए। पहला- सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर के जरिए ऐप को प्रमोट करवाया। दूसरा- सट्टा लगाने वाले दूसरे ऐप और वेबसाइट को खरीद लिया।