केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब दिया. इस दौरान अमित शाह ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और पहलगाम हमले के जवाब में हुए ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव को लेकर बात की. हालांकि जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खड़े हुए तब विपक्ष की ओर से हंगामा होने लगा.
विपक्ष ने की नारेबाजी
विपक्षी सांसदों ने अमित शाह के भाषण के बीच खूब नारेबाजी की. इस पर अमित शाह ने कहा कि वह खुद जवाब दे रहे हैं. उन्होंने कहा, “पीएम साहब को सुनने का ज्यादा शौक है क्या, मैं जवाब दे रहा हूं.” अपने संबोधन में उन्होंने ऑपरेशन महादेव नाम रखे जाने के पीछे का तर्क भी दिया. उन्होंने कहा- क्षत्रपति महाराज शिवाजी जब युद्ध लड़ते थे, ‘हर हर महादेव’ उनका जयघोष हुआ करता था. यह सैनिकों में जोश भरने का काम करता था.
ऑपरेशन महादेव पर क्या बोले अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि, महादेव को सिर्फ धार्मिक या हिंदू नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए, ये सैन्य उद्घोष है, जो सैनिकों में जीत का जज्बा भरता है. केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा- पहलगाम में हमारे देश के नागरिकों को धर्म पूछकर और चुन-चुन कर उनके परिवार के सामने मारा गया, मैं उन सभी दिवंगत नागरिकों के परिवार के साथ अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं
ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब पाकिस्तान ने गोली बारी की, तो इसमें कुछ नागरिक हताहत हुए, उन नागरिकों के परिवारजनों के प्रति भी हम गहरी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं. ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव… इन दोनों के लिए जिन सुरक्षा बलों ने भारत का सम्मान बढ़ाया है, उन सभी को हम हृदयपूर्वक बहुत-बहुत साधुवाद देना चाहता हूं.
मैं पीएम मोदी का भी बहुत बहुत अभिनंदन करना चाहता हूं, जिन्होंने देश की 140 करोड़ जनता की जो इच्छा थी उसके अनुरूप सटीक जवाब देने की दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई.
ऑपरेशन महादेव में मारे गए तीन आतंकी
ऑपरेशन महादेव के तहत, हमारी सशस्त्र सेनाओं ने तीन आतंकवादियों को सफलतापूर्वक मार गिराया. इनमें से, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का कमांडर सुलेमान, जिसने पहलगाम हमले के दौरान गोलीबारी की थी, की पहचान की गई. हमजा अफगानी, जो एलईटी का एक अन्य वरिष्ठ कमांडर था, भी इस ऑपरेशन में मारा गया. इसके अलावा, जिब्रान, जो एलईटी से जुड़ा एक वरिष्ठ आतंकवादी था, भी मारे गए लोगों में शामिल था. सबूत स्पष्ट रूप से लश्कर-ए-तैयबा की पहलगाम हमले को अंजाम देने में संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं.