उज्जैन(Ujjain News)। महाकाल मंदिर परिसर में नवनिर्माण के लिए की जा रही खोदाई से निकले एक हजार साल पुराने शिव मंदिर को पुनर्निर्मित करने की पूरी तैयारी हो गई है। शुक्रवार को मध्य प्रदेश पुरातत्व विभाग की टीम महाकाल पहुंची और स्थल का निरीक्षण किया। बता दें बीते डेढ़ साल से विभाग केवल पत्थरों का नाप जोख और नंबरिंग ही करा रहा है, निर्माण की शुरुआत नहीं करा पाया है।
बताया जाता है पुरातत्व विभाग ने करीब एक साल पहले मंदिर निर्माण के लिए निविदा जारी की थी। लेकिन किसी भी ठेकेदार ने निर्माण में रुचि नहीं दिखाई। इसी वजह से समय पर काम शुरू नहीं हो पाया। इसका असर उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा कराए जा रहे काम पर पड़ा और शहनाई गेट आदि के उन्नयन में देरी होने लगी।
इसका असर डेढ़ माह बाद शुरू होने वाले श्रावण पर पड़ता देख मंदिर प्रशासन ने पुरातत्व विभाग को इस दिशा में ठोस कार्रवाई के लिए पत्र लिखा। इसके बाद विभाग के अफसर मंदिर पहुंचे तथा शीघ्र काम शुरू करने की बात की।
पुनर्निर्मित मंदिर की ऊंचाई करीब 37 फीट रहेगी। निर्माण में भूगर्भ से पुरावशेषों के रूप में प्राप्त हुए पत्थरों का उपयोग होगा। कुछ पत्थर या खंभों को खड़ा करने में आवश्यकता लगी, तो उसी प्रकृति व रंग का पत्थर मालवा परिक्षेत्र से मंगवाया जाएगा। इसके निर्माण पर करीब 65 से 75 लाख रुपये का खर्च आएगा।