प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर हुई भगदड़ और दुखद मौतों के बाद मेला प्रशासन और प्रयागराज जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए पांच बड़े बदलाव तत्काल प्रभाव लागू किए हैं. अब पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिससे किसी भी प्रकार के वाहन को अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी.
बता दें कि मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 60 श्रद्धालु घायल हो गए. इनमें से 36 श्रद्धालु अभी अस्पताल में भर्ती हैं. वहीं प्राथमिक उपचार के बाद 24 श्रद्धालुओं को उनके परिजन अपने साथ लेकर घर की ओर रवाना हो गए.
महाकुंभ में भगदड़ के बाद अब क्या-क्या बदलाव किए गए?
मेला क्षेत्र पूरी तरह नो-व्हीकल जोन सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा.
VVIP पास हुए रद्द- किसी भी विशेष पास के जरिए वाहन को प्रवेश नहीं मिलेगा.
रास्ते किए गए वन-वे- श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए एक तरफा मार्ग व्यवस्था लागू की गई.
वाहनों की एंट्री पर- रोक प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर रोका जा रहा है.
4 फरवरी तक सख्त प्रतिबंध- शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक रहेगी.
कुंभ क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा
मेला प्रशासन का कहना है कि इन बदलावों का उद्देश्य कुंभ क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करना और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने में सहयोग करें.
भावुक हो गए सीएम योगी
वहीं महाकुंभ भगदड़ को लेकर समाचार एजेंसी ANI से बात करते सीएम योगी भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि ये घटना हमारे लिए सबक है. उन्होंने महाकुंभ भगदड़ की न्यायिक जांच के आदेश दिए. सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार इस आयोग की अध्यक्षता करेंगे और पूर्व डीजीपी वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस डीके सिंह इस न्यायिक आयोग के सदस्य होंगे.