Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार के कई विभागों पर साइबर अटैक होने का खतरा मंडरा रहा है. इसका खुलासा महाराष्ट्र साइबर की जांच में सामने आया है. महाराष्ट्र साइबर सेल से मिली जानकारी के मुताबिक, जांच में पता चला है कि कई विभागों सुरक्षित नहीं हैं और इसकी वेबसाइटों पर कभी भी साइबर अटैक हो सकता है.
साइबर सेल के अनुसार, जिन विभागों पर साइबर अटैक का खतरा मंडरा रहा है, उसमे महाराष्ट्र पुलिस, डीजीआईपीआर, बिजली विभाग और महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस कमीशन(एमपीएससी ) समेत कई अन्य सरकारी विभाग शामिल हैं. इस जांच रिपोर्ट के बाद महाराष्ट्र साइबर ने इन विभागों को एडवाइजरी जारी करके कई जरूरी कदम उठाने को कहा है.
डीआईजी ने सावधानी बरतने को कहा
महाराष्ट्र साइबर के डीआईजी यशस्वी यादव ने इस साइबर खतरे की पुष्टि करते हुए बताया कि इन विभागों ने साइबर सुरक्षा के जरूरी कदम नहीं उठाये हैं, जो कि चिंता का विषय है. इस मामले में हमने इन विभाजन को सावधानी बरतने को कहा है.
साइबर अपराधी कभी भी बना सकते हैं निशाना
महाराष्ट्र साइबर सेल से मिली जानकारी के मुताबिक, इन सरकारी विभागों पर साइबर अटैक का खतरा मंडराने की सबसे बड़ी वजह डार्कनेट पर इनके डाटा को लीक होना है. दरअसल इन विभागों के तमाम क्रेडेंशियल्स मौजूदा समय में डार्कनेट पर उपलब्ध हैं और इन्ही क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल करके साइबर अपराधी कभी भी निशाना बना सकते हैं. जाँच में यह भी पता चला है कि डार्कनेट पर लीक हुए डाटा को पाकिस्तानी और चाइनीज हैकर चुरा रहे हैं, जो भविष्य में बड़ा खतरा बन सकते हैं.
समय-समय पर बदलें ईमेल के पासवर्ड
साइबर हमलावरों के निशाने पर सबसे ज्यादा महाराष्ट्र है. इस खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र साइबर ने इन विभागों को समय-समय पर अपने ईमेल के पासवर्ड को बदलने, साइबर सुरक्षा ऑडिट और अनुपालन, फोरेंसिक जांच, जोखिम आकलन,एप्लिकेशन परीक्षण, आपदा रिकवरी योजना सहित तमाम कदम उठाने को कहा है.
विदित हो कि कुछ साल पहले महाराष्ट्र सरकार के कुछ विभागों पर साइबर अटैक हो भी चुका है, जिसमें 2017 में जेएनपीटी मुंबई पर रैनसमवेयर हमला, 2018 में 100 करोड़ की कॉसमॉस बैंक साइबर डकैती, 2020 में एमसीईबी सर्वर पर व्यापक साइबर हमला और 2021 में एमआईडीसी सर्वर पर बड़ा रैनसमवेयर हमला शामिल है.
साइबर सुरक्षा निगम में बदलाव
महाराष्ट्र में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र साइबर को साइबर सुरक्षा निगम में तब्दील कर दिया है. इसके बाद महाराष्ट्र की सभी कॉर्पोरेट कंपनियों को साल में एक बाद अनिवार्य साइबर ऑडिट करना जरूरी होगा, साइबर सुरक्षा निगम करेगा.
साइबर ऑडिट नहीं करवाने वाली कॉर्पोरेट कंपनियों पर 25 हजार रुपये एक दिन का फाइन लगाया जाएगा. कॉर्पोरेट संस्थाओं पर साइबर हमलों की बढ़ती संख्या के साथ, इस कदम का उद्देश्य संवेदनशील व्यावसायिक डेटा की सुरक्षा करना और साइबर धोखाधड़ी को रोकना है.