महाराष्ट्र। राज्य सरकार ने कैंसर से मुकाबले और मरीजों को बेहतर इलाज सुविधा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मंत्रिमंडल ने कैंसर देखभाल नीति को मंजूरी दी है, जिसके तहत राज्य के 18 प्रमुख अस्पतालों में कैंसर से जुड़े सभी प्रकार के इलाज की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि योजना का उद्देश्य राज्य में कैंसर का निदान और इलाज आसान बनाना है।
इस योजना के तहत ‘महाराष्ट्र कैंसर केयर, रिसर्च एंड एजुकेशन फाउंडेशन’ (महाकेयर फाउंडेशन) का गठन किया जाएगा। इसके लिए प्रारंभ में 100 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे और महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के तहत मिलने वाले शुल्क के 20 प्रतिशत हिस्से को भी इसमें शामिल किया जाएगा। फाउंडेशन के तहत तीन स्तर के फंड जुटाए जाएंगे, जिनमें क्लिनिकल ट्रायल, सीआरएस फंड और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से मिलने वाले फंड शामिल हैं। फाउंडेशन की देखरेख मुख्यमंत्री करेंगे और उपाध्यक्ष के रूप में डिप्टी सीएम होंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें शामिल रहेंगे।
राज्य के 18 अस्पतालों को तीन लेयर में बांटा जाएगा—एल-1, एल-2 और एल-3। इन अस्पतालों में डायोथेरेपी, कीमोथेरेपी, शल्य चिकित्सा, मानसिक आधार, अनुसंधान, पैलिएटिव केयर और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा यहाँ ग्रेजुएट और सुपर स्पेशलिटी प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
एल-1 कैटेगरी में टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल शामिल है। एल-2 कैटेगरी में औरंगाबाद, नागपुर, मुंबई (जेजे), कोल्हापुर, पुणे, नाशिक और अमरावती के सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। एल-3 कैटेगरी में अंबाजोगाई, नांदेड, यवतमाल, सातारा, बारामती, जलगांव, रत्नागिरी और शिर्डी के अस्पताल शामिल होंगे।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। 2025 तक मरीजों की संख्या 2020 की तुलना में 11 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। ऐसे में राज्य सरकार का यह कदम मरीजों के लिए राहत और बेहतर इलाज उपलब्ध कराने की दिशा में अहम साबित हो सकता है।