महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने रविवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, ‘महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे अब प्रासंगिक नहीं रहे और महायुति को उनकी जरूरत नहीं है.’ हाल ही में हुए 20 नवंबर के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मनसे एक भी सीट जीतने में असफल रही. इन चुनावों में महायुति ने शानदार जीत हासिल की, जबकि मनसे के प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे भी मुंबई के महिम निर्वाचन क्षेत्र से हार गए.
“राज ठाकरे के सपने टूट गए हैं”
नासिक में पत्रकारों से बात करते हुए रामदास आठवले ने कहा, “राज ठाकरे को लगता था कि उनके बिना सत्ता में आना संभव नहीं है. लेकिन उनके सपने टूट गए हैं. महायुति में मेरी मौजूदगी के कारण राज ठाकरे के लिए कोई जगह नहीं है. वह अपनी रणनीतियां और पार्टी के झंडे का रंग बदलते रहते हैं. यह उनकी घटती प्रासंगिकता को दर्शाता है.” आठवले की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (A) पिछले एक दशक से बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का हिस्सा रही है.
फडणवीस सरकार में हिस्सेदारी का दावा
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री अठावले ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी को देवेंद्र फडणवीस सरकार में प्रतिनिधित्व मिलेगा. अठावले ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव में करारी हार के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के “दुरुपयोग” का आरोप लगाना लोकतंत्र का अपमान है. उन्होंने कहा, “विपक्ष ऐसी बहानेबाजी करके लोकतंत्र का अपमान कर रहा है.”
आठवले के इन बयानों ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है. राज ठाकरे की पार्टी की लगातार गिरती साख और महायुति के मजबूत प्रदर्शन ने राजनीतिक समीकरण बदल दिए हैं.