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NCP नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या, सीने और पेट में लगी गोलियां, दो लोग गिरफ्तार

एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. शनिवार की देर रात मुंबई के बांद्रा ईस्ट में उन पर कई राउंड फायरिंग की गई. इसके बाद उनको गंभीर हालत में लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया. बताया जा रहा है कि उनको सीने और पेट में कुल 3 गोलियां लगी हैं. वो अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर गए हुए थे. उसी वक्त उन पर अचानक गोलीबारी हो गई. इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. मुंबई पुलिस ने सुपारी किलिंग की आशंका जताई है.

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इसी साल फरवरी में कांग्रेस छोड़कर बाबा सिद्दीकी एनसीपी (अजीत पवार गुट) में शामिल हुए थे. वो पिछले 48 साल तक कांग्रेस में रहे थे. उस वक्त उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने इस्तीफे पर लिखा था, ”मैं एक युवा किशोर के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हुआ था और यह 48 वर्षों तक चलने वाली एक महत्वपूर्ण यात्रा रही. आज मैं तत्काल प्रभाव से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं.”

बांद्रा पश्चिम से तीन बार विधायक रहे बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र में राज्य मंत्री रह चुके हैं. वे महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुंबई डिवीजन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उन्होंने राजनीति की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की थी. पहली बार बीएमसी में कॉरपोरेटर चुने गए थे. साल 1999, 2004 और 2009 में बांद्रा वेस्ट से विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा था.

बाबा सिद्दीकी की राजनीतिक कर्मभूमि बांद्रा रही है. अधिकतर फ़िल्मी हस्तियां बांद्रा में ही रहती हैं. बॉलीवुड सितारों से उनकी दोस्ती के बारे में सब जानते हैं. वो पहली बार सुनील दत्त के संपर्क में आए थे. इसके बाद संजय दत्त के बेहद करीब हो गए. संजय के जरिए ही उनकी सलमान खान से मुलाकात हुई थी. इसके बाद बाबा सिद्दकी की चर्चित इफ़्तार पार्टियों में फिल्मी सितारों का आना-जाना शुरू हो गया. सलमान और शाहरूख में पैचअप कराने के लिए वो जाने जाते हैं.

बताते चलें, बाबा सिद्दीकी साल 2017 से प्रवर्तन निदेशालय की रडार पर थे. ED ने मई 2017 में कथित झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण (SRA) घोटाले के संबंध में कांग्रेस नेता बाबा सिद्दीकी और अन्य के विभिन्न ठिकानों पर तलाशी ली थी. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने साल 2018 में उनकी करीब 462 करोड़ की संपत्ति अटैच की थी. मुंबबई के बांद्रा स्थित जमात-ए-जम्हूरियत मलिन बस्ती के पुनर्वास परियोजना में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया था.

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