Madhya Pradesh: आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो गई है, इस बार तृतीया तिथि घटने से 8 दिनों की नवरात्रि रहेगी. 6 अप्रैल, रामनवमी को नवरात्रि का आखिरी दिन रहेगा.
हिंदू नववर्ष के साथ शुरू होने के कारण ये साल की पहली नवरात्रि होती है, इस वक्त वसंत ऋतु होने से इसे वासंती नवरात्रि भी कहते हैं।मैहर के त्रिकूट पर्वत पर विराजमान मां शारदा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का आगमन देर रात से ही शुरू हो गया। रविवार सुबह 3 बजे मंदिर के पट खुलने के साथ ही 4 बजे विशेष आरती की गई.
प्रधान पुजारी पवन दाऊ महाराज ने आरती की, इसी के साथ मैहर में नवरात्रि का मेला भी शुरू हो गया, पुजारी दाऊजी के अनुसार नवरात्र के दौरान माता के नौ अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है, पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना की गई, आने वाले दिनों में क्रमशः मां ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंद माता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की आराधना होगी.
रेलवे स्टेशन पर लगी भक्तों की भारी भीड़
नवरात्रि मेले में शामिल होने के लिए दूर-दराज से श्रद्धालु शनिवार से ही मैहर पहुंचने लगे थे। रविवार सुबह 5 बजे रेलवे स्टेशन पर भी भक्तों की भारी भीड़ देखी गई.
नवरात्रि के दौरान मंदिर खुलने का समयः सुबह 3 बजे से रहेगा और रात्रि 11बजे मंदिर के पट बंद होंगे, सालभर यहां एमपी यूपी समेत देशभर के श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचते हैं, मान्यता है कि, मंदिर में दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है। मंदिर के कपाट बंद होते ही रहस्यमयी आवाजें आती हैं और मंदिर खुलने से पहले ही पूजा हो जाती है.
मैहर माता मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, कहा जाता है कि इसी स्थान पर मां सती का हार गिरा था इसलिए मईया का हार यानी मैहर के नाम से जाना जाता है। प्रतिमा के बारे में मान्यता है कि, ये करीब 1500 साल पुरानी है। इस मंदिर को लेकर श्रद्धा, रहस्य और पौराणिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं.