मध्य प्रदेश के रायसेन में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) ने शराब बनाने वाली कंपनी की जांच पड़ताल की. इस दौरान 60 नाबालिग काम करते मिले हैं. बच्चों के हाथ गले पाए गए. इन्हें स्कूल बस से फैक्ट्री में लाया जाता था. बाल मजदूरों से 15 -15 घंटे तक कम पैसों में काम कराया जा रहा था. इन बाल मजदूरों के हाथ केमिकल से बुरी तरह गल गए हैं. सभी को भोपाल भेजा जा रहा है, जहां आगे की कार्रवाई की जाएगी. फैक्ट्री मालिक के खिलाफ FIR के लिए आयोग लिख रहा है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बचपन बचाओ एनजीओ की शिकायत पर रायसेन के सोम डिस्टलरीज शराब बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा. इस दौरान लगभग 60 नाबालिग लड़के-लड़कियां शराब बनाने के काम में लगे मिले हैं.
आयोग का कहना है कि किसी भी हाल में आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा. आबकारी अधिकारियों सहित जिले के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की बात कही गई है. नाबालिगों की 12 व 13 साल बताई जा रही है. आयोग की छापेमारी से हड़कंप मचा हुआ है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रियंक कानूनगो ने कहा कि NGO से शिकायत मिली थी कि मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के सेहतगंज में सोम डिस्टिलरीज नाम की शराब फैक्ट्री में बच्चों से मजदूरी कराई जा रही है. यहां निरीक्षण के दौरान बच्चे शराब बनाने का काम करते मिले हैं. बच्चों को रेस्क्यू करने की कार्रवाई कर रहे हैं. स्कूल बस यहां खड़ी मिली है.
CM डॉक्टर मोहन यादव (Mohan Yadav) के संज्ञान लेने के बाद फैक्ट्ररी में बालश्रम के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. रात में प्रभारी जिला अधिकारी कन्हैयालाल अतुलकर और 3 आबकारी उप निरीक्षक प्रीति शैलेंद्र उइके, सेफली वर्मा और मुकेश कुमार को निलंबित किया था. वहीं रविवार को प्रशासन ने एक और बड़ा एक्शन लेते हुए श्रम निरीक्षक मंडीदीप रामकुमार श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है. निलंबन की कार्रवाई कर श्रमायुक्त ने आदेश जारी किया गया. उन पर घोर लापरवाही बरतने की वजह से ये कार्रवाई की गई है. जिले में जगह-जगह बच्चे कार्य कर रहे हैं लेकिन आज तक एक भी कार्रवाई इन्होंने नहीं की.