मेक इन इंडिया का कमाल, सिंगल इंजन में होगा डबल इंजन का काम

अब तक यह माना जाता था कि ट्रेन में यदि डबल इंजन लग जाए तो इंजन के लगने से ट्रेन की रफ्तार बढ़ जाएगी और कम समय में हम अधिक दूरी तक पहुंच सकते हैं. आपको यकीन नहीं हो लेकिन मेक इन इंडिया का कमाल देखिए कि अब सिंगल इंजन में डबल इंजन का काम होगा. पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीनित अभिषेक ने टीवी9 भारतवर्ष से खास बातचीत में बताया कि देश का सबसे पावरफुल गुड्स ट्रेन का लोकोमोटिव बनकर तैयार हो गया है. इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को समर्पित करने जा रहा हैं.

वीनित अभिषेक ने कहा कि कितनी तेजी से काम हुआ है इसके अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कारखाने का शिलान्यास साल 2022 में किया था और 2025 में यहां लोकोमोटिव बनकर तैयार है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना लागत 21,405 करोड़ रुपये है जहां अगले 11 वर्षों में इस कारखाने में 1200 लोकोमोटिव तैयार किया जाएगा.

क्या है इस लोकोमोटिव की खासियत?

वीनित अभिषेक ने कहा कि 9000 हॉर्स पावर इंजन 4500 से लेकर 5500 टन कार्गो वाली मालगाड़ी चला सकेगा. इन इंजनों से ट्रेनों की रफ्तार बढकर 120 से 125 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो जाएगी. इंजनों का इस्तेमाल पश्चिमी डीएफसी और रेलवे के श्रेणीबद्ध खंडों पर किया जाएगा.

मेक इन इंडिया से इतर

वीनित अभिषेक ने बताया कि इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव से भारतीय रेल की माल ढुलाई क्षमता बढ़ेगी. ब्रॉड गेज और स्टैंडर्ड गेज दोनों ही इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का निर्माण भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ पहल को बढ़ावा दे रही है.

दुनिया की नजर इस लोकोमोटिव पर

वीनित अभिषेक ने कहा कि हमने जो लोकोमोटिव बनाया है उसपर पूरी दुनिया की निगाह है. कम पैसे और बेहतर टेक्नोलॉजी का उपयोग करते दुनियां का बेहतरीन लोकोमोटिव इंजन तैयार किया है. यही वजह है कि अफ्रीका के कुछ देश औक यूरोपियन देशों में इस इंजन का निर्यात भी किया जाएगा.

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