राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने रायपुर में साफ कहा कि हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित तोमर का संगठन से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष आलोक सिंह परिहार हैं और सारी गतिविधियां उन्हीं के नेतृत्व में चलती हैं। हाल ही में तोमर बंधुओं द्वारा करणी सेना के नाम का दुरुपयोग करने पर संगठन ने कड़ा रुख अपनाया है।
मकराना ने कहा कि करणी सेना एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है, जिसका किसी अवैध गतिविधि से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने जनता से अपील की कि संगठन की आधिकारिक घोषणा के अलावा किसी भी भ्रामक जानकारी पर विश्वास न करें।
गौरतलब है कि वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित तोमर सूदखोरी और अवैध वसूली के मामले में फरार हैं। प्रशासन ने उनके रायपुर स्थित आलीशान बंगले को कुर्क कर लिया है और पुलिस उनके खिलाफ सात FIR दर्ज कर चुकी है। जांच में सामने आया कि वे करणी सेना के नाम का इस्तेमाल कर गुमराह करने की कोशिश कर रहे थे।
मकराना ने कहा कि संगठन के नाम पर भ्रम फैलाने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि करणी सेना की स्थापना 2006 में लोकेंद्र सिंह कालवी ने की थी और आज यह देश के 24 राज्यों में सक्रिय है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि करणी सेना का किसी फर्जी संगठन से कोई संबंध नहीं है। हाल ही में मीडिया में आई खबरों पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि करणी सेना अनुशासन और नियमों के साथ काम करती है और अब तक किसी तरह का आपराधिक मामला संगठन पर दर्ज नहीं हुआ है।
इस बीच, पुलिस का कहना है कि तोमर बंधु फरार हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगा चुके हैं। अदालत ने पुलिस से सात FIR दर्ज करने के आधार पर शपथपत्र मांगा है।