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कोटा में मौत बना मलेरिया, दो सगे भाईयों की गई जान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार,जीपीएम में डराने लगा डायरिया

बिलासपुर के कोटा थाना इलाके के टेंगनमाड़ा गांव में दो बच्चों की मौत के बाद से हड़कंप मच गया है. शक जताया जा रहा है कि बच्चों की मौत मलेरिया से हुई है. दोनों बच्चे बीमार थे. स्वास्थ्य विभाग की टीम का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ होगा की मौत की वजह क्या रही. इलाके में बड़ी संख्या में लोग मलेरिया से पीड़ित हैं. आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ टेंगनमाड़ा इलाके में सात लोगों का इलाज चल रहा है. गौरेला पेंड्रा मरवाही में डायरिया के आंकड़ों में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है.

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कोटा में मौत बनता मलेरिया: टेंगनमाड़ा इलाके में जिन दो बच्चों की मौत हुई है उनकी उम्र 13 और 15 साल है. मरने वाले बच्चों के नाम इमरान अली और इरफान अली हैं. परिजनों के मुताबिक दोनों बच्चों की तबीयत कई दिनों से खराब चल रही थी. परिजनों ने अंदेशा जताया है कि उनमें मलेरिया के लक्षण थे. परिजनों ने सरकारी अस्पताल में दिखाने के बजाए इलाके झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराया. नतीजा ये हुआ की दोनों भाईयों की मौत हो गई.

इलाके में मलेरिया जांच के लिए सर्वे अभियान तेज: कोटा ब्लॉक और उसके आस पास के इलाके में मलेरिया का सर्वे किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की कोशिश है कि जल्द से जल्द हालात पर काबू पाया जा सके. जिन दो बच्चों की मौत हुई है उनका पोस्टमार्टम आज किया जाएगा. रिपोर्ट के बाद ही ये साफ हो पाएगा कि बच्चों को मलेरिया था या फिर किसी अन्य रोग से उनकी जान गई.

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में बढ़े डायरिया के मरीज: स्वास्थ्य विभाग के आकंड़ों के मुताबिक 1 जून से अबतक 130 से अधिक डायरिया के मरीजों का पता चल चुका है. स्वास्थ्य विभाग के लिए राहत की बात है कि अभी तक डायरिया से किसी की मौत की खबर नहीं है. प्रभावित इलाके में लोगों को जागरुक करने का काम किया जा रहा है. 15 जुलाई तक के आंकड़े बताते हैं कि मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. पेंड्रा में डायरिया के 32 मरीज अबतक मिले हैं. मरवाही में 57 डायरिया मरीज मिले.

डायरिया के चौंकाने वाले आंकड़े: वास्तव में जो आंकड़े स्वास्थ्य मंत्री ने दिए हैं वो चौंकाने वाले हैं. ये अच्छी बात है कि स्वास्थ्य मंत्री इस बात को खुद स्वीकार भी रहे हैं. जरुरत इस बात की है कि प्रभावित इलाकों में कैंप लगाकर लोगों को दवाएं दी जाएं. लोगों को बीमारी से बचने की सलाह दी जाए. इलाके में साफ सफाई और साफ पानी की सुविधा भी मुहैया कराई जाए.

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