पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में टीचर्स के एक सेक्शन से मुलाकात की. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2016 पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती के जरिए से की गई 25,752 स्कूल में टीचर्स की नौकरियों को रद्द कर दिया है. इसी के बाद सीएम ने टीचर्स से मुलाकात की है. इस मौके पर सीएम ने कहा, स्कूली नौकरी गंवाने वालों के साथ खड़े होने के लिए अगर कोई मुझे सजा देना चाहता है तो मैं जेल जाने को भी तैयार हूं.
सुप्रीम कोर्ट के 3 अप्रैल के फैसले में भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और धोखाधड़ी का हवाला दिया गया था, जिसके चलते हजारों टीचर्स को बर्खास्त कर दिया गया. जबकि ममता बनर्जी ने अदालत के फैसले का पालन करने की कसम खाई है, उन्होंने फैसले को योग्य उम्मीदवारों के लिए नाइंसाफी बताया है.
“मुझे जेल जाने की परवाह नहीं”
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पश्चिम बंगाल सरकार के संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के रूप में अपनी नौकरी खोने वाले लोगों को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, प्लीज यह न समझें कि हमने इसे स्वीकार कर लिया है. हम पत्थर दिल नहीं हैं और ऐसा कहने के लिए मुझे जेल भी हो सकती है, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है.
मैं पश्चिम बंगाल में स्कूलों की नौकरी गंवाने वालों के साथ खड़ी हूं, उनका सम्मान वापस दिलाने के लिए हर संभव कोशिश करूंगी. मैं पात्र उम्मीदवारों को स्कूल की नौकरी नहीं गंवाने दूंगी. स्कूली नौकरियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बंधी हुई हूं, लेकिन हालात से पूरी तरह सावधानी और निष्पक्षता से निपटा जाएगा, इसके लिए कदम उठा रही हूं.
“मैं सबके लिए खड़ी रहूंगी”
सीएम बनर्जी ने आगे कहा, मेरा नाम ऐसी बात में घसीटा जा रहा है जिसके बारे में मुझे कोई आभास नहीं है. हमारे पास कुछ अलग योजनाएं हैं ताकि योग्य उम्मीदवार बेरोजगार न हों या उनकी सेवा में कोई रुकावट न आए. यहां जो टीचर्स मौजूद हैं वो वंचित हैं और हम उनका दर्द समझते हैं. अगर वो मुझे जेल में डाल दें तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है. साथ ही सीएम ने कहा, चाहे भगवा हो या हरा, मैं सबके लिए खड़ी रहूंगी.
सीएम ने कहा, मुझ पर लगातार हमले हो रहे हैं. मैंने किसी की नौकरी नहीं ली है. मैंने कहा कि हम बदलाव चाहते हैं, हम बदला नहीं चाहते. सीएम ने पूर्व सीजेआई का जिक्र करते हुए कहा, जस्टिस चंद्रचूड़ ने मानवीय आधार पर मामले को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर रोक लगा दी. एक सीजेआई के फैसले को दूसरे सीजेआई ने रद्द कर दिया. जब तक मैं जीवित हूं किसी भी व्यक्ति की नौकरी नहीं जाने दूंगा, यह मेरी प्रतिबद्धता है.
“पर्दे के पीछे चल रहा खेल”
मैं चुनौती देती हूं, पर्दे के पीछे एक खेल चल रहा है. वे हमारे एजुकेशन सिस्टम को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यह नहीं बताया है कि कौन टीचर पात्र है या कौन पात्र नहीं है. कोई फेक्ट फाइंडिंग टीम नहीं बनाई गई है. सीबीआई ने यह भी नहीं बताया कि क्या करना है. सीएम ने आगे कहा, कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, कल्याण बनर्जी और अन्य लीगल फार्म जीत सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में शिक्षकों के लिए लड़ेंगे.
उन्होंने आगे कहा, कई टीचर्स ने गोल्ड मेडल हासिल किया है और आप उन्हें चोर कह रहे हैं, आप उन्हें अक्षम कह रहे हैं, आपको यह अधिकार किसने दिया? यह खेल कौन खेल रहा है.
बीजेपी ने ममता सरकार को घेरा
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस मामले के चलते राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. साथ ही इन सभी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसएससी टीचर्स की नौकरी जाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की. बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा, ममता बनर्जी को जेल जाना चाहिए. वह मुख्य लाभार्थी हैं. उनके भतीजे ने 700 करोड़ की रिश्वत ली है.