पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी ने मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए बड़ा फैसला लिया है. फुरफुरा शरीफ के पीरजादा कासेम सिद्दीकी को तृणमूल कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया गया है.
कासेम सिद्दीकी का फुरफुरा शरीफ में खासा प्रभाव है और वह इंडियन सेक्युलर फ्रंट के नेता अब्बास सिद्दीकी और विधायक नौशाद सिद्दीकी के रिश्तेदार हैं. यह नियुक्ति बिना किसी औपचारिक जॉइनिंग के की गई है, जिससे साफ है कि तृणमूल कांग्रेस मुस्लिम वोटरों को अपने पाले में बनाए रखने के लिए पूरी तरह से सक्रिय हो गई है.
कासेम सिद्दीकी महासचिव नियुक्त
पिछले विधानसभा चुनाव से पहले अब्बास सिद्दीकी ने इंडियन सेक्युलर फ्रंट नाम की पार्टी बनाई थी, जिसने दक्षिण 24 परगना की भांगड़ सीट से जीत हासिल कर तृणमूल के गढ़ में सेंध लगाई थी. इसके बाद से इंडियन सेक्युलर फ्रंट ने कई मुस्लिम बहुल इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. ऐसे में ममता बनर्जी की यह रणनीति राजनीतिक रूप से अहम मानी जा रही है. कासेम सिद्दीकी को संभवतः चुनाव में भी बड़ी भूमिका दी जा सकती है.
मुस्लिम बहुल इलाकों में मजबूत पकड़
कुछ महीने पहले ममता बनर्जी ने ईद पर फुरफुरा शरीफ का दौरा किया था. उस दौरान कासेम सिद्दीकी उनके साथ नजर आए थे. इसके अलावा पार्क सर्कस की इफ्तार पार्टी में भी वे ममता के साथ मंच पर मौजूद थे. इसके अलावा कांग्रेस छोड़कर टीएमसी में शामिल हुए शंकर मालाकार को अपनी राज्य इकाई का उपाध्यक्ष बनाया है.सब्यसाची दत्ता को तृणमूल कांग्रेस के बारासात सांगठनिक जिले का अध्यक्ष बनाया गया है. और सांसद काकली घोषदस्तीदार को सत्तारूढ़ पार्टी के इस सांगठनिक जिले का अध्यक्ष बनाया गया है.