‘मोदी मंत्र’ से ममता की नई रणनीति, 2026 फतह को TMC का सबका साथ प्लान…

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भले ही एक साल का समय बाकी है, लेकिन सियासी बिसात अभी से ही बिछाई जाने लगी है. पीएम मोदी के ‘सबका साथ, सबका विश्वास’ वाले सियासी मंत्र से टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बंगाल में बीजेपी से मुकाबला करने और चौथी बार चुनाव जीतने का तानाबाना बुन रही हैं. मुसलमानों के साथ हिंदू वोटों की नाराजगी का कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं दिख रही और सभी को साधकर चल रही है. मुस्लिम के साथ हिंदू वोटों का सियासी बैलेंस बनाकर ममता बनर्जी 2026 की चुनावी जंग जीतने की कवायद में है.

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वक्फ कानून के विरोध सीएम ममता बनर्जी खुलकर खड़ी हैं और फ्रंटफुट पर खेल रही है. ममता ने मुसलमानों को भरोसा दिलाते हुए साफ-साफ शब्दों में कह दिया है कि वक्फ कानून को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने दूंगी. वक्फ के मुद्दे पर मुसलमानों के साथ खड़ी हैं तो हिंदू समुदाय का विश्वास बनाए रखने के लिए भी लगातार मशक्कत करती हुई नजर आ रही हैं और नए तरीके से काली मंदिर बना रही हैं. ममता ने साफ कहा कि मेरी सरकार धार्मिक आधार पर बंगाल का विभाजन नहीं होने देगी.

मुस्लिमों का विश्वास बनाए रखने का ममता दांव

पश्चिम बंगाल में मुस्लिम मतदाता बड़ी संख्या में है, जिस पर ममता बनर्जी अपनी मजबूत सियासी पकड़ बनाए रखने की कवायद में है. वक्फ कानून को लेकर ममता बनर्जी का स्टैंड संसद से सड़क तक साफ है. ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि वक्फ कानून के लागू होने से मुस्लिम दुखी हैं और उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को आश्वासन दिया कि वह राज्य में ‘फूट डालो और राज करो की नीति’ को नहीं चलने देंगी.

उन्होंने कोलकाता में जैन समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वह अल्पसंख्यकों की और उनकी संपत्ति की हरहाल में रक्षा करेंगी. इतना ही नहीं ममता बनर्जी ने अपील की और कहा कि लोग उकसाएंगे, लेकिन हमें एक दूसरे पर भरोसा रखना है.

वक्फ कानून को लेकर मुस्लिम समाज मोदी सरकार से नाराज है. मुस्लिमों को लग रहा कि मोदी सरकार उसके धार्मिक मामलों में दखल दे रही है और उनकी संपत्ति छीनना चाहती है. ऐसे में ममता बनर्जी ने वक्फ कानून को लागू ना करने का भरोसा देकर मुस्लिमों का साधने का बड़ा दांव चला है.

सूबे में 30 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं, जो करीब 100 विधानसभा सीटों पर अहम रोल अदा करते हैं. बंगाल के मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर और दक्षिण 24 परगना ज़िलों में मुसलमान मतदाताओं की संख्या 40 प्रतिशत से ज़्यादा है. मुर्शिदाबाद में क़रीब 70 प्रतिशत और मालदा में 57 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं. इन दोनों जिले में 34 विधानसभा सीटें हैं. इस तरह ममता बनर्जी ने मुस्लिम वोटों पर अपनी पकड़ बनाए रखने की स्ट्रैटेजी चली है.

ममता बनर्जी का का सबका साथ वाला फार्मूला

मुस्लिम समुदाय पर ही ममता बनर्जी का टारेगट नहीं बल्कि सभी धर्म के वोटों का विश्वास अपने साथ बनाए रखना चाहती है. जैन समुदाय के कार्यक्रम में बनर्जी ने कहा कि वह सभी धर्मों से जुड़े स्थलों पर जाती हैं और वह ऐसा करना जारी रखेंगी. ममता ने कहा कि वह दुर्गा पूजा, काली पूजा, जैन और बौद्ध मंदिर,गुरुद्वारा, चर्च और गुरु रविदास मंदिर जाती हैं.

उन्होंने कहा कि मुझे गोली भी मार देंगे तो भी आप मुझे उस एकता से अलग नहीं कर पाएंगे. हर धर्म, जाति, पंथ… सभी मानवता के लिए प्रार्थना करते हैं और हम उनसे प्यार करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान में अजमेर शरीफ के दौरे के साथ-साथ पुष्कर में ब्रह्म मंदिर के भी दर्शन करने गईं थी. इस तरह से ममता बनर्जी ने बताया कि सभी धर्म और समाज को साथ लेकर चलना चाहती हैं और सभी के बीच एकता बनाए रखने में विश्वास रखनी है.

ममता बनर्जी ने कहा कि हमारा मकसद जोड़ना है, बांटना नहीं. जब हम एकजुट रहेंगे, तो देश आगे बढ़ेगा. हमारी सरकार की नीति है कि जियो और जीने दो. कुछ लोग बंगाल को बदनाम कर रहे हैं, कह रहे हैं कि मैं राज्य में हिंदू धर्म को संरक्षण नहीं देती. अल्पसंख्यकों से ममता ने अपील करते हुए कहा कि हम बंगाल में माता काली की नई मंदिर बनवा रहे हैं, उसे आकर देखिए. हिंदुओं से कहा कि मुझे बंगाल के अल्पसंख्यकों को श्रेय देना चाहिए जो राज्य में हिंदू त्योहार भी मनाते हैं. मुझे यह कहते हुए गर्व होता है कि यह बंगाल है और हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, यहां की संस्कृति सर्वधर्म समभाव वाली है.

बंगाल में गुजरती शांति से रामनवमी

पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर सियासत गर्मा गई थी. रामनवमी के मौके पर बीजेपी बंगाल में किस मुद्दे पर चुनाव लड़ना है, इसके स्पष्ट संकेत दे दिए हैं. बीजेपी, आरएसएस और अन्य हिंदूवादी संगठनों ने पश्चिम बंगाल में तकरीबन 2000 शोभा यात्राएं निकालीं. इनमें हजारों की तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया, जिसके चलते रामनवमी पर बंगाल की सड़कें पूरी तरह भगवामय हो गई. रामनवमी पर तनाव को देखते हुए ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में इस बार तगड़ी व्यवस्था कर रखी थी.

बंगाल व्यापक पुलिस बंदोबस्त किए थे, चप्पे-चप्पे पर पुलिस लगा रखी थी. कोलकता पुलिस कमिश्नर ने रामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमने पिछले 2 महीने से हम फीडबैक ले रहे थे. उसके हिसाब से पुलिस बल को तैनात किया गया है. सभी ने शांतिपूर्ण तरीके से त्योहार मनाया. इस तरह शांति से रामनवमी कराकर ममता बनर्जी ने बीजेपी की सारी रणनीति को फेल कर दिया था. हालांकि, बाद में मुर्शिदाबाद में जरूर सियासी तनाव बढ़ गया है, लेकिन ममता बनर्जी उसे डैमेज कन्ट्रोल करने में जुटी है.

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