इंडिया ब्लॉक में फिर खटपट सामने आ रही है. विपक्षी गठबंधन में शामिल ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत की उम्मीद जताई है. दिल्ली में तो कांग्रेस भी चुनाव लड़ रही है, लेकिन लगता है कि टीएमसी को ग्रैंड ओल्ड पार्टी से राष्ट्रीय राजधानी में बीजेपी के लिए किसी तरह की चुनौती पेश करने की संभावना नहीं नजर आती. टीएमसी नेता कुणाल घोष ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, ‘हम लोग यह उम्मीद करेंगे कि वहां पर आम आदमी पार्टी की सरकार फिर से आए और भाजपा को पराजित होना चाहिए. दिल्ली के लोग बीजेपी को हराएंगे.’ अगर टीएमसी दिल्ली में AAP की जीत चाहती है, इसका मतलब वह चाहती है कि कांग्रेस की हार हो.
बता दें कि कांग्रेस वर्तमान में इंडिया गुट को लीड कर रही है, लेकिन गठबंधन में शामिल AAP, राजद समेत कई दलों ने इच्छा जाहिर की है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व करना चाहिए. सहयोगी दलों की ओर से अपनी नेतृत्व क्षमता पर संदेह जताए जाने से कांग्रेस थोड़ी असहज भी है. लोकसभा चुनाव 2024 में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने दिल्ली में गठबंधन किया था. कांग्रेस तीन सीटों पर लड़ी थी और आम आदमी पार्टी चार सीटों पर. हालांकि, इससे बीजेपी के प्रदर्शन पर कोई अंतर नहीं पड़ा और उसने एक बार फिर दिल्ली की सभी 7 सीटें जीतीं.
विधानसभा चुनाव में अब कांग्रेस और AAP आमने-सामने हैं और एकदूसरे पर हमलावर भी. कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है. वहीं कालकाजी से मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ अलका लांबा को कांग्रेस ने टिकट दिया है. कांग्रेस के नेता और प्रवक्ता लगातार शराब घोटाला, सीएम हाउस, यमुना की सफाई, वायु प्रदूषण, सड़क, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल और AAP को घेर रहे हैं. वहीं आम आदमी पार्टी आरोप लगा रही है कि कांग्रेस दिल्ली में बीजेपी की बी टीम की भूमिका निभा रही है.
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 को आएंगे चुनाव नतीजे
लोकसभा चुनाव में जो अरविंद केजरीवाल दिल्ली में कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे थे, वही अब पत्रकारों से कह रहे हैं कि कांग्रेस को गंभीरता से मत लीजिए. उनका कहना है कि दिल्ली में AAP का मुकाबला बीजेपी से है और कांग्रेस कोई फैक्टर नहीं है. दूसरी ओर कांग्रेस का दावा है कि वह दिल्ली की सत्ता में वापसी करेगी और अरविंद केजरीवाल समेत उनकी पार्टी को आगामी चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा. इस बीच चुनाव आयोग ने दिल्ली चुनाव का कार्यक्रम जारी कर दिया है. राष्ट्रीय राजधानी में 5 फरवरी को एक चरण में मतदान होगा और नतीजे 8 फरवरी को घोषित होंगे. यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की जनता किस पार्टी को अपनी सेवा का मौका देती है.
दिल्ली में सपा ने कांग्रेस की बजाय AAP को दिया समर्थन
इधर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ा था, लेकिन दिल्ली में समर्थन आम आदमी पार्टी को दे रही है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि हम AAP का समर्थन करेंगे और उसके साथ मंच भी साझा करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि सपा का समर्थन उसी पार्टी को होगा, जो बीजेपी को हराने में सक्षम है. यानी सपा भी कांग्रेस की क्षमता पर संदेह कर रही है. इस तरह अखिलेश ने केजरीवाल के लिए ‘फ्रेंड्स फॉर एवर’ का ऐलान कर कांग्रेस की सियासी बेचैनी बढ़ा दी है. इस तरह इंडिया ब्लॉक में यूनिटी के दावे का हाल देश की जनता के सामने है.