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नीति आयोग की बैठक बीच में छोड़कर निकलीं ममता, कहा- बोलने से रोका, माइक बंद किया

नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केन्द्र में नीति आयोग की आज अहम बैठक हो रही है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य बड़े नेता बैठक में पहुंच चुके हैं. बैठक का फोकस 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है. भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शुक्रवार की देर रात राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे.

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बैठक छोड़कर निकलीं ममता: दिल्ली में नीति आयोग की बैठक पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैंने कहा कि आपको (केंद्र सरकार को) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए. मैं बोलना चाहती थी लेकिन मुझे केवल 5 मिनट बोलने की अनुमति दी गई. मुझसे पहले लोगों ने 10-20 मिनट तक बात की. मैं विपक्ष की एकमात्र सदस्य थी जो इसमें भाग ले रही थी लेकिन फिर भी मुझे बोलने की अनुमति नहीं दी गई. यह अपमानजनक है.’

इससे पहले ममता बनर्जी ने कहा कि वह 27 जुलाई को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक में बंगाल के साथ किए गए राजनीतिक भेदभाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगी. उन्होंने कहा, ‘मैं नीति आयोग की बैठक में बंगाल के साथ किए जा रहे राजनीतिक भेदभाव का विरोध करूंगी. बजट में बंगाल और अन्य विपक्षी राज्यों के साथ भेदभाव किया गया है और हम इससे सहमत नहीं हो सकते.’

इन मुख्यमंत्रियों ने किया नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार: तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, केरल और झारखंड के मुख्यमंत्रियों बैठक का बहिष्कार किया है. इंडिया गठबंधन के नेताओं ने पहले ही नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला लिया था. इसके लिए उन्होंने बजट आवंटन का हवाला दिया. बजट आवंटन को लेकर इन नेताओं ने नाराजगी जताई.

सीएम एमके स्टालिन का बयान: नीति आयोग की बैठक का आज बहिष्कार करने पर तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा, ‘केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया बजट उन राज्यों और लोगों के खिलाफ एक बदले की कार्रवाई की तरह लगता है जिन्होंने भाजपा का बहिष्कार किया था. उन्होंने इंडिया ब्लॉक को वोट देने वालों से बदला लेने के लिए बजट तैयार किया है. संघ की भाजपा सरकार लगातार तमिलनाडु की उपेक्षा कर रही है.’

शिवसेना नेता संजय राउत का बयान: नीति आयोग की बैठक पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ‘इंडिया गठबंधन के सीएम नीति आयोग की बैठक में नहीं जाएंगे. यह लगभग तय हो चुका है. तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने पहले कहा था कि वह नहीं जाएंगे, अरविंद केजरीवाल जेल में हैं, तेलंगाना के सीएम और ऐसे अन्य सीएम हैं जो नहीं जाना चाहते हैं क्योंकि नीति आयोग देश के विकास के साथ तालमेल नहीं रख रहा है.’

सांसद दयानिधि मारन की टिप्पणी: तमिलनाडु में डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने कहा, ‘दक्षिणी राज्यों, खासकर तमिलनाडु को मोदी सरकार द्वारा लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है. हम पिछले 3 सालों से मेट्रो के दूसरे चरण के लिए फंड मांग रहे हैं, लेकिन अभी तक एक भी रुपया नहीं दिया गया है. आंध्र प्रदेश को नई राजधानी के लिए 16,000 करोड़ रुपये मिल रहे हैं, जबकि तकनीकी रूप से बाढ़ राहत के नाम पर बिहार को 35,000 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं.

आंध्र प्रदेश को दी गई राशि एक लोन गारंटी है, यानी सीएम चंद्रबाबू नायडू दूसरे बैंकों से लोन ले सकते हैं, लेकिन उन्हें ब्याज और मूलधन चुकाना होगा, इसलिए मुझे यकीन है कि सीएम नायडू इस बात से वाकिफ हैं. इसके निहितार्थ बहुत जल्द सामने आएंगे. यह अल्पमत की सरकार है, इसलिए कुछ भी हो सकता है.’

बैठक का मुख्य उद्देश्य: बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है. पीएम मोदी स्वयं इसकी अध्यक्षता करेंगे. गवर्निंग काउंसिल की बैठक में विकसित भारत-2047 पर विजन डॉक्यूमेंट के लिए दृष्टिकोण पत्र पर चर्चा की जाएगी. इस वर्ष का विषय ‘विकसित भारत-2047’ है.

गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने अपने आगमन पर कहा कि वह राज्य के मुद्दों को नीति आयोग के सामने रखेंगे. उन्होंने कहा, ‘नीति आयोग की बैठक पीएम मोदी के नेतृत्व में होने जा रही है. नीति आयोग की बैठकों में राज्य के अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होती है. हम नीति आयोग के सामने गोवा की मांगों और मुद्दों को रखेंगे. उसके बाद मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन भी है. इसमें सीएम 13 प्रमुख कार्यक्रमों की समीक्षा करते हैं. गोवा उन कार्यक्रमों में हमेशा आगे रहा है.

गोवा सरकार ने पुलिस, अग्निशमन सेवा, वन सेवा क्षेत्र के लिए अग्निवीर योजना के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण की भी घोषणा की है.’ छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि बैठक पीएम मोदी की अध्यक्षता में हो रही है. इसके बाद मुख्यमंत्रियों की बैठक भी होगी. दोनों उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा भी उसमें शामिल हुए.

बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचने वालों में ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, गुजरात के सीएम भूपेन्द्र पटेल, राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा, मेघालय के सीएम कॉनराड संगमा और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केन्द्र में आयोजित नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं.

कई गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों ने केंद्रीय बजट में उनके साथ किए गए ‘अनुचित व्यवहार’ का हवाला देते हुए इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है. उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सबसे पहले चेन्नई में बहिष्कार की घोषणा की थी. इसके बाद कांग्रेस ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुखू, कर्नाटक के सिद्धारमैया और तेलंगाना के रेवंत रेड्डी समेत उसके मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं हुए. आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के साथ एकजुटता दिखाई. मुख्यमंत्री भगवंत मान नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वह इसमें शामिल नहीं होंगे. आश्चर्य की बात यह है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंचीं. ममता बनर्जी ने कहा कि वह 27 जुलाई को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक में बंगाल के साथ किए गए राजनीतिक भेदभाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगी. उन्होंने कहा, ‘मैं नीति आयोग की बैठक में बंगाल के साथ किए जा रहे राजनीतिक भेदभाव का विरोध करूंगी. बजट में बंगाल और अन्य विपक्षी राज्यों के साथ भेदभाव किया गया है और हम इससे सहमत नहीं हो सकते.’

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