बिहार के भागलपुर का जर्दालू आम के स्वाद और महक के देश ही नहीं विदेश के लोग भी दीवाने हैं. यहां के जर्दालू को GI टैग भी मिला हुआ है और आम को हर साल स्पेशल गेस्ट को भेंट के रूप में भी भेजा जाता है. देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, बिहार के मुख्यमंत्री समेत कई गणमान्य को भागलपुरी जर्दालू का स्वाद बहुत लुभाता है. बिहार की मैंगो मैन के नाम से मशहूर किसान अशोक चौधरी के गांव तिलकपुर में हज़ार एकड़ में आम की पैदावार होती है.
इसमें 10 एकड़ से ज्यादा की खेती अशोक चौधरी करते हैं. हर साल नई-नई तरह की ट्रेनिंग लेकर वह आम की नई किस्म भी इजाद करते हैं और उसका नामकरण भी करते हैं. अशोक चौधरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी प्रशंसक हैं. इसको लेकर उन्होंने मोदी 1, मोदी 2, और मोदी 3 आम का भी इजाद किया है. 2014, 2019, और 2024 में उन्होंने पीएम मोदी की जीत पर इन पौधों को लगाया, जिसका फलन अभी काफी अच्छा है और लोगों में भी इसके फल और पौधों की डिमांड भी जबरदस्त है.
भागलपुर के सुलतानगंज के तिलकपुर गांव के रहने वाले मैंगो मैन का आम से पुराना लगाव है और हर साल वह करोड़ों रुपये का कारोबार करते हैं. उनके साथ आम की खेती में हजारों किसान जुड़े हुए हैं. उनकी कोशिश से बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के जरिए भागलपुरी जर्दालू को 2016 में GI टैग भी मिला था. अशोक चौधरी ने TV9 डिजिटल से बातचीत के दौरान बताया कि जब मैं बाहर पढ़ाई करता था तो अपने दोस्तों को अपनी बगिया का आम खिलाया. इसके स्वाद से वह काफी खुश हुए. फिर मैं पढ़ाई पूरी होने के बाद सब कुछ छोड़कर खेती में लग गया.
2007 से दिल्ली जा रहा जर्दालू आम
उन्होंने आगे बताय कि पहले हमारे गांव में आम के पेड़ों की संख्या बहुत कम थी. अब किसानों को करोड़ों की आमदनी आम से हो रही है. 2007 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इच्छा जाहिर की कि आपकी बगिया का आम क्यों नहीं भेंट स्वरूप दिल्ली भेजा जाए. उसके बाद से लगातार हर साल जर्दालू आम दिल्ली भेजा जाता है. इस बार भी 3 हज़ार पेटी की डिमांड है, जो हम लोग बिहार भवन भेजेंगे और वहां से ये आम दिल्ली जाएंग
कई बड़े शहरों से आते हैं ऑर्डर
आगे मैंगो मैन अशोक चौधरी ने बताया कि इस आम की कई खासियत हैं. इसकी खुशबू और मिठास लोगों का मन मोह लेती है और यह काफी सुपाच्य भी है. घर में इस आम को रखने से इसकी खुशबू चारों ओर बिखर जाती है. उसकी खुशबू से आधा पेट भर जाता है. इस आम में मेडिसिनल गुण भी हैं. इसको खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity to disease) बढ़ती है. शुगर पेशेंट भी इस आम को खा सकते हैं. इसमें मिठास बहुत है. लेकिन शुगर की मात्रा बहुत कम है. जर्दालु आम का ऑर्डर यूरोपियन और गल्फ कंट्री से भी आता है. वहीं देश के भी कई बड़े शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, गुजरात समेत कई जगह से इसका ऑर्डर आता है
मोदी 1, मोदी 2, मोदी 3 नाम के आम
अशोक चौधरी ने पीएम मोदी की पहली जीत पर 2014 में अपने मधुबन बगीचे में ‘मोदी 1 आम’ का इजाद किया था. वह बताते हैं कि मेरे मन में भी आया और लोगों की भी डिमांड थी कि मोदी जी की जीत पर आम का नामकरण हो. उसी समय मेरे पास एक अच्छी वैरायटी भी थी, जो हिमसागर और मालदह का क्रॉस था. उसका स्वाद मालदा से अच्छा है और साइज भी बड़ा है. उसको मैंने ‘मोदी 1’ के नाम से विकसित किया था. फिर 2019 में मोदी जी की दूसरी जीत पर एक बौना पेड़ जो शहर में पार्क में लगाया. उसको ‘मोदी 2’ नाम से विकसित किया. फिर 2024 में पीएम मोदी की जेवत पर दूधिया मालदा का स्वर्णरेखा के साथ क्रॉस किया हुआ आम का नाम ‘मोदी 3’ रंगीन रखा.
तीनों आम की डिमांड करते हैं लोग
देश के कोने कोने के लोग इन तीनों आम की डिमांड करते हैं, और यहां आकर मोदी 1,2,3 तीनों पौधे को ले जाते हैं. मोदी जी के क्षेत्र गुजरात के भी लोग आकर यहां से पौधा ले जाते हैं. गुजरात में भी मोदी 1,2,3 आम फल रहा है. अशोक चौधरी ने बताया कि यहां की मिट्टी में जादू है. जिस वजह से यहां का आम ज्यादा सुगंधित और स्वादिष्ट होता है. देश दुनिया के लोग जब बिहार के भागलपुर का आम खाते हैं तो कहीं और का खाना छोड़ देते हैं. आम के मामले में भारत का कोई जोर नहीं है और भागलपुरी जर्दालू उसमें सबसे खास है. यहां से एक जून के करीब सभी गण्यमान को आम भेजा जाएगा. 3 हज़ार पेटी आम दिल्ली भेजने का टारगेट है. वहीं हजारों क्विंटल आम हम लोग इस बारलोगों को खिलाएंगे.