आधुनिकता के इस दौर में साइबर फ्रॉड एक ऐसी जटिल समस्या बन गई है, जिससे निपटने के लिए लगातार अपराध अनुसंधान विभाग झारखंड (रांची) लगातार कार्रवाई कर रहा है. इसी क्रम में आज झारखंड सीआईडी की टीम को एक बड़ी सफलता मिली है. रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ओलिव गार्डन नामक होटल में छापा मारकर 7 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है.
गिरफ्तार सभी आरोपी चीनी साइबर फ्रॉड के नेटवर्क से जुड़े हुए थे. वो भारत में चीनी गिरोह के लिए काम करते थे. ये लोग पहले लोगों से पैसा निवेश करवाते ये कहकर कि उन्हें ज्यादा मुनाफा मिलेगा. फिर उन्हें चूना लगा देते. यही नहीं, लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके भी पैसे ऐंठते.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
गुप्त सूचना के आधार पर सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने होटल में छापेमारी की. गिरफ्टार 7 साइबर अपराधियों की पहचान बिहार के सिवान जिला के टाउन थाना के रहने वाले कुमार दीपक, नालंदा जिला के बिन्द थाना क्षेत्र के रहने वाले कुमार सौरभ, सिवान जिला के टाउन थाना क्षेत्र के रहने वाले प्रभात कुमार, मध्य प्रदेश के सागर जिला के रहने वाले लखन चौरसिया, पटना जिला के दिदारगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले अनिल कुमार, नवादा जिला के रहने वाले शिवम कुमार के और पटना जिला के गौरीचक थाना क्षेत्र के रहने वाले प्रदीप कुमार के रूप में हुई है.
गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से 12 मोबाइल फोन, 11 सिम, 14 एटीएम कार्ड ,एक लैपटॉप, एक चेक बुक के अलावा व्हाट्सएप और टेलीग्राम के 60 से अधिक चैट की विवरणी जप्त की गई है.
अपराध अनुसंधान विभाग रांची, के मुताबिक गिरफ्तार किए गए 7 साइबर अपराधी देश के अलग-अलग हिस्सों से चीनी साइबर अपराधियों को म्युल बैंक खातो की सप्लाई करते थे. गिरफ्तार किए गए साइबर अपराधियों में एक स्पेशल एजेंट भी शामिल है. स्पेशल एजेंट चीनी milnay, dargonpay, super pay, mangopayindia के लिए काम कर रहा था.
करोड़ों की धोखाधड़ी
गिरफ्तार चीनी नेटवर्क से जुड़े एजेंटों के पास से व्हाट्सएप और टेलीग्राम चैट भी बरामद किया गया है जिसमें बड़ी संख्या में बैंक खातों की जानकारी और डिजिटल साक्ष्य मौजूद थे. दरअसल, चीनी गिरोह के लिए काम करने वाले एजेंटों को टेलीग्राम के माध्यम से एक एप्लीकेशन (एपीके फाइल) भेजी जाती, इन एप्लीकेशन को वह बैंक से जुड़ी सिम कार्ड में इंस्टॉल करते थे. इंस्टॉल करने के बाद यह एप्लीकेशन ओटीपी और बैंक अल्ट्स चीनी सर्वर पर ट्रांसमिट कर देती थी. इसे चीन में बैठे अपराधी उन बैंक खातों का एक्सेस प्राप्त कर लेते थे और फिर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे.
गिरफ्तार किए गए चीनी गिरोह के एजेंट के पास से अब तक जांच में 60 म्युल बैंक खाता स्टेटमेंट प्राप्त हुए हैं. इस गिरोह के खिलाफ देशभर में कुल 68 शिकायतें दर्ज हैं.
लोगों से की अपील
अपराध अनुसंधान विभाग रांची झारखंड ने आम लोगों से अपील की- ऐसे साइबर फ्रॉड से बचने के लिए किसी भी प्रकार के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ऐड पर इन्वेस्टमेंट से संबंधित ऑफर पर क्लिक करने से पहले उसकी जांच जरूर कर लें. इसके अलावा इन्वेस्टमेंट के नाम पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने बैंक अकाउंट या यूपीआई से पैसे जमा न करें. इसके साथ ही किसी भी प्रकार की साइबर फ्रॉड के शिकार होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करवाएं.