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मणिपुर: पूरे राज्य में AFSPA लागू की जाए… हथियारों की बरामदगी के लिए BJP सहित 10 कुकी विधायकों की मांग

मणिपुर में पिछले एक महीने में फिर से एकबार हिंसा भड़क उठी है. इस बीच मणिपुर विधानसभा के 10 कुकी विधायकों ने गुरुवार को मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) लागू करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि लूटे गए हथियारों की बरामदगी के लिए एएफएसपीए को पूरे राज्य में लागू किया जाए. इन विधायकों में सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन के 7 विधायक भी शामिल हैं.

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केंद्र ने 14 नवंबर को हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित मणिपुर के 6 पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (एएफएसपीए) को फिर से लागू कर दिया. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि यह निर्णय वहां की लगातार अस्थिर स्थिति को देखते हुए लिया गया.

‘हिंसा को रोकने के लिए यह लंबे समय से अपेक्षित कार्रवाई’

एक संयुक्त बयान में 10 कुकी विधायकों ने गृह मंत्रालय की ओर से लगाए गए एएफएसपीए को बाकि क्षेत्रों में भी लागू करने की मांग की. बयान में कहा गया कि, ’14 नवंबर, 2024 के आदेशों के अनुसार एएफएसपीए लगाने को लेकर वास्तव में शेष 13 पुलिस न्यायक्षेत्रों में अधिनियम का विस्तार करने के लिए तत्काल समीक्षा की आवश्यकता है.’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले साल 3 मई से मेइती द्वारा 6 हजार से अधिक अत्याधुनिक हथियार लूटे गए. वहीं, इसकी बरामदगी के लिए पूरे राज्य में एएफएसपीए लागू किया जाना चाहिए. क्योंकि हिंसा को रोकने के लिए यह लंबे समय से अपेक्षित कार्रवाई है.

जन अभियान प्रस्ताव पर आदिवासी विधायकों ने की आलोचना

मणिपुर में सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के विधायकों की ओर से पारित किए गए प्रस्ताव की भी आदिवासी विधायकों ने आलोचना की. इस प्रस्ताव में 7 दिनों के भीतर जिरीबाम जिले में 3 महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या के लिए जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ जन अभियान चलाने का आह्वान किया गया है.

बीजेपी नीत NDA गठबंधन के 27 विधायकों ने एक प्रस्ताव पास किया है. यह कदम हाल में जिरीबाम जिले में हुई हत्याओं को लेकर उठाया गया है. प्रस्ताव में कुकी उग्रवादियों को 7 दिनों के अंदर ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित करने की बात कही गई है. साथ ही इस मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपने की भी मांग की गई है.

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