मणिपुर में सुरक्षाबलों ने नशे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. कांगपोकपी में कुछ लोग चोरी छिपे अफीम की खेती कर रहे थे. इसी दौरान मामले की जानकारी होते ही मौके पर पहुंचे सुरक्षाबलों ने अफीम की खेती को पुरी तरह से नष्ट कर दिया. पुलिस सुरक्षाबलों के जवानों के साथ मिलकर इलाके में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की कार्रवाई कर रही है. इस कार्रवाई की कुछ फोटो भी सामने आई है, जिसमें पुलिस और सुरक्षाबलों अफीम की खेती को खत्म करते हुए नजर आ रहे हैं.
मणिपुर पुलिस ने पिछले कई महीनों से नशे के खिलाफ एक मुहिम छेड़ी हुई है. इस मुहिम वह जगह-जगह छापेमारी नशे को जब्त या फिर नष्ट कर रही है. कांगपोकपी के सेहजंग गांव में पुलिस ने नशे के खिलाफ सर्च अभियान चलाया. इस दौरान पुलिस ने देखा कि करीब छह एक जमीन पर गैरकानूनी तरीके से अफीम की खेती हो रही है. पुलिस ने देखा कि एक टिन शेड के स्टोर रुम में कुछ अफीम भी रखी हुई थी.
नष्ट की गई अफीम की खेती
मणिपुर पुलिस ने सीआरपीएफ और असम राइफल्स के साथ मिलकर मंगलवार को अफीम के बागानों को नष्ट कर दिया और टिन शेड के स्टोर रुम में आग लगा दी. पुलिस और सुरक्षाबल के जवान निरंतर इलाके में इस तरह की कार्रवाई कर युवाओं को नशे से बचाने के भरसक प्रयासों में लगे हुए है. अफीम एक बहुत ही महंगा नशा है. पुलिस का शक है कि अफीम की खेती करने वाले लोग इसे बेचकर मिलने वाले से पैसे से ही इलाके में आतंक फैलाने का काम कर रहे हैं. अफीम की फसल को नष्ट करने के कुछ फोटो भी सामने आए हैं, जिसमें सुरक्षाबल डंडों से पौधे तोड़ते हुए दिख रहे हैं.
इससे पहले भी हुई कार्रवाई
इससे पहले 31 जनवरी को भी पुलिस ने मणिपुर के नोनी जिले में 4.49 एकड़ में उगाई जा रही अफीम की खेती को मुख्यमंत्री के आदेश के बाद नष्ट किया था. पुलिस निरंतर नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए सभी के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.