मणिपुर में एनडीए का सहयोगी दल एनपीपी ने बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा कर दी है. एनपीपी इस बाबत चिट्ठी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेज दिया है. एनपीपी के 7 विधायक हैं. हालांकि एनपीपी के समर्थन वापसी से बीरेन सिंह सरकार को खतरा नहीं है, लेकिन राज्य में लगातार अव्यवस्था के बीच एनपीपी की समर्थन वापसी एक बड़ा कदम है.
मणिपुर का विधानसभा का कंपोजिशन इस प्रकार है. राज्य में कुल विधानसभा सदस्यों की संख्या 60 है. एनडीए के कुल विधायकों की संख्या 53 है. इनमें बीजेपी के विधायकों की संख्या 37 है, जबकि एनपीएफ के 5, जेडयू के एक और निर्दलीय तीन विधायकों का समर्थन प्राप्त है. एपीपी के सात विधायक भी एनडीए का समर्थन कर रहे थे, लेकिन उन्होंने नड्डा को पत्र लिखकर समर्थन वापसी का ऐलान कर दिया है. दूसरी ओर, विपक्षी पार्टियों में कांग्रेस के पांच और केपीए के दो विधायक हैं.
एनपीपी ने जेपी नड्डा को लिखा पत्र
NPP (National People's Party) withdraws its support to the N. Biren Singh-led Government in Manipur with immediate effect. pic.twitter.com/iJ8VpPxWD2
— ANI (@ANI) November 17, 2024
एनपीपी ने भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा को लिखे पत्र में दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में मणिपुर में स्थिति बहुत ही खराब हो गई है और कई निर्दोष लोगों की जान चली गई है तथा राज्य के लोग बेहद कष्ट से गुजर रहे हैं.
एनपीपी ने अपने पत्र में कहा कि हमें विश्वास है कि बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर राज्य सरकार संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रही है.
पत्र में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर राज्य में बीरेन सिंह सरकार से अपना समर्थन तत्काल प्रभाव से वापस लेने का फैसला किया है.
अमित शाह ने मणिपुर को लेकर की समीक्षा बैठक
इससे पहले मणिपुर में सुरक्षा स्थिति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को समीक्षा बैठक की. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने शीर्ष अधिकारियों को पूर्वोत्तर राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया.
बता दें कि पिछले साल मई से मणिपुर जातीय संघर्ष से जूझ रहा है. पिछले साल मणिपुर में महिलाओं और बच्चों के शव बरामद होने के बाद विरोध प्रदर्शन और हिंसा हुई थी. उसके बाद वहां की स्थिति अस्थिर बनी हुई है.
हिंसक विरोध प्रदर्शन की ताजा घटनाएं शनिवार रात फिर हुई. जिरीबाम जिले में उग्रवादियों द्वारा तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या के बाद शनिवार को तीन राज्य मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर हमला बोल दिया था, उसके बाद वहां अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया था. इससे पहले केंद्र सरकार ने हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित मणिपुर के 6 पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम लागू कर दिया है.