मराठा आरक्षण आंदोलन के अगुवा मनोज जरांगे ने घोषणा की कि वह अपना अनिश्चितकालीन अनशन खत्म कर रहे हैं. गुरुवार (13 जून) को महाराष्ट्र सरकार के एक प्रतिनिधि मंडल ने जरांगे से मुलाकात की. इसमें संदीपान भूमरे और संभुराजे देसाई शामिल थे. जरांगे ने कहा कि उन्होंने सरकार को एक महीने का वक्त दिया है. अगर सरकार ने एक महीने में काम नहीं किया तो वो सीधे विधानसभा के चुनाव में उतरेंगे.
मनोज जरांग ने अनशन खत्म करने का ऐलान करते हुए कहा कि सरकार के पास 13 जुलाई तक का वक्त है. उनसे मुलाकात के बाद मंत्री संभुराजे देसाई ने कहा कि जरांगे के संघर्ष की वजह से मराठाओं को 10 फीसदी आरक्षण मिला है.
आपराधिक मामले हटाने की प्रक्रिया शुरू – फडणवीस
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को मनोज जरांगे से अनशन खत्म करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि सरकार ने अंदोलन के दौरान मराठा समुदाय पर दर्ज कुछ आपराधिक मामलों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जरांगे मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण दिए जाने की मांग करते हुए अनशन शुरू किया था.
फडणवीस ने ओबीपी सर्टिफिकेट को लेकर दिया था आश्वासन
फडणवीस ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि ”सरकार उनके अनशन को गंभीरता से ले रही है, और केस वापस लेने की प्रक्रिया चल रही है. राज्य सरकार ने अधिसूचना पहले ही जारी कर दी है और हम इस पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.” फडणवीस ने कहा कि एनसीपी नेता और मंत्री छगन भुजबल समेत ओबीसी नेता मराठों को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण का लाभ दिए जाने का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में मैं भुजबल से बात करूंगा. जिन लोगों के पास आवश्यक दस्तावेज हैं, उनके लिए ओबीसी या कुनबी सर्टिफिकेट पाने की प्रक्रिया स्पष्ट करूंगा.