ग्वालियर अंचल में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बुधवार से शुरू हुआ बारिश का दौर शनिवार को भी जारी रहा। मुरैना व शिवपुरी के डैम से लगातार पानी छोड़ने के कारण क्वारी और सांक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
50 से अधिक गांव में अलर्ट
जिला प्रशासन ने नदी किनारे बसे 50 से अधिक गांव में अलर्ट जारी किया है। साथ ही चंबल, सिंध, बेसली, सोनभद्रिका, पहुज नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में निचले इलाके जलमग्न हैं।अमूमन जिले में सिंध, क्वारी और चंबल नदी सीजन में एक-दो बार ही खतरे के निशान से पार करती थीं, लेकिन इस वर्ष सीजन में तीसरी बार क्वारी और चंबल नदी खतरे के निशान को पार कर गई हैं। शनिवार सुबह आठ बजे तक जिलेभर में 11 मिमी बारिश दर्ज की गई।
फसलों को भारी नुकसान
बारिश की वजह से धान की फसल को छोड़कर अन्य सभी फसलों को नुकसान बताया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ठप है। इन ग्रामीण क्षेत्रों में अलर्ट जारीभिंड में क्वारी नदी के किनारे बसे गांव बघेड़ी, इंगुरी, बंगुलरी, कचौगरा, परसौना, मिरचौली, बझाई का मंजरा, रमपुरा का मजरा, नागौर गांव सीधे प्रभावित हैं। इसी तरह गोहद क्षेत्र में बेसली नदी किनारे बसे आलौरी, चंदूपुरा, बर्थरा, सिसोनिया, आलमपुर में सोनभद्रिका नदी उफान पर होने की वजह से आलमपुर के वार्ड पांच, 11, 12, 13 व नदी किनारे बसे ग्रामीण क्षेत्रों, दबोह के जाखौली गांव में अलर्ट जारी किया गया है।
पिछले वर्ष से 49 मिमी अधिक वर्षा हुई
जिले में शनिवार सुबह आठ बजे तक 11 मिमी वर्षा हुई की गई है। जिले में अब तक 770.4 मिमी वर्षा हुई है। जबकि पिछले साल इस अवधि तक 721.4 मिमी बारिश हुई है, इस तरह जिले में इस बार 49 मिमी अधिक वर्षा हो चुकी है। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि कोट-बारिश के चलते अलर्ट जारी कर दिया गया है। नदियों के किनारे बसे जिन ग्रामीण क्षेत्रों में खतरा है, उन क्षेत्रों में प्रशासन की टीम लगातार नजर बनाए हुए हैं। साथ ही कुछ जगहों पर ग्रामीणों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया गया है।