दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार दिल्ली दंगों के तीन आरोपियों को विधानसभा चुनाव में उतारा जा सकता है. इनमें से एक इशरत जहां हैं, जिन्हें कांग्रेस ओखला से विधानसभा चुनाव का टिकट दे सकती है. वहीं, बीजेपी इस पर हमलावर है और लगातार दंगों के आरोपियों को टिकट देने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है. इस बीच, गुरुवार को कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि दिल्ली दंगों में गिरफ्तार कई लोग बेगुनाह हैं. बीजेपी ने उन्हें जबरन दोषी बना दिया.
दिल्ली दंगों के आरोपियों को टिकट देने के मामले में कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, पुलिस पर दबाव बनाकर उन्हें जेलों में डाल दिया गया. यह सवाल उठाने से पहले बीजेपी को बताना चाहिए कि उनकी पार्टी में ऐसे कितने लोग हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं. यह सवाल पूछने से पहले बीजेपी को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए था. वहीं, आम आदमी पार्टी को लेकर उन्होंने कहा, ‘अगर वे इंडिया गठबंधन छोड़ना चाहते हैं, तो उस पर कोई रोक नहीं है.’
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
‘लड़की भी निर्दोष है, उसे फंसाने की कोशिश की गई’
राशिद अल्वी ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि जिस लड़की को कांग्रेस का टिकट दिया जा रहा है, उसे टिकट दिया गया है या नहीं. लेकिन मैं जानता हूं कि लड़की भी निर्दोष है और उसे फंसाने की कोशिश की गई है.’ सूत्रों के मुताबिक ओखला सीट के लिए कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इशरत जहां का नाम सबसे आगे चल रहा है. खुद राहुल गांधी ने इशरत जहां के नाम की पैरवी की है, वहीं दूसरी तरफ अरीबा खान का नाम भी है.
इशरत जहां 2012 में जगतपुरी से पार्षद रह चुकी हैं. इशरत जहां की शादी चार बार के कांग्रेस विधायक, दिल्ली के पूर्व परिवहन मंत्री और पूर्व राज्यसभा सांसद परवेज हाशमी के बेटे से हुई है. सूत्रों के मुताबिक अगर इशरत जहां कांग्रेस से ओखला से विधानसभा चुनाव लड़ती हैं तो उन्हें अपनी राजनीतिक विरासत का फायदा मिल सकता है. वहीं आम आदमी पार्टी ने अमानतुल्लाह खान को तीसरी बार ओखला से टिकट दिया है.
‘नुकसान आम आदमी पार्टी का होगा’
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने आप पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर वे अखिल भारतीय गठबंधन छोड़ना चाहते हैं तो इस पर कोई रोक नहीं है. कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसकी हर राज्य में पैठ है. भारत में कोई भी राजनीतिक पार्टी ऐसी नहीं है जिसकी दो राज्यों में पकड़ हो. अगर आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ नहीं रहना चाहती है तो कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा. जो भी नुकसान होगा वो आम आदमी पार्टी का होगा.