सीधी : (मध्य प्रदेश) की बाल लोक गायिका मान्या पांडे, जिन्हें देश की सबसे छोटी लोक गायिका माना जाता है, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्यता देने की ठोस अपील की है.उन्होंने कहा कि देश के कई प्रांतों में हिंदी बोलने या समझने वाले लोग बहुत कम हैं, जिससे उन्हें अक्सर धार्मिक, सांस्कृतिक और संचार संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
हालिया अपनी प्रस्तुति के दौरान तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में हिंदी भाषा की कमी के कारण उन्हें स्थानीय लोगों के साथ संवाद में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.उन्होंने यह पूछा कि क्यों न लोग अपनी क्षेत्रीय भाषा बोलें पर इसके साथ-साथ हिंदी को अनिवार्य माध्यम बनाया जाए, ताकि हिंदी देश के लिए एक सर्वमान्य भाषा बन सके, जैसे “वन नेशन वन इलेक्शन” की अवधारणा.
मान्या पांडे की अपील का सार यह था कि देश एक लोकतांत्रिक राष्ट्र है, लेकिन यदि एक भाषा (हिंदी) सभी राज्यों में समझी और बोली जाए, तो राष्ट्रीय एकता और संवाद में सहजता होगी.उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यदि एक भाषा सर्वमान्य माध्यम बन सकती है तो क्या “वन नेशन, वन लैंग्वेज” भी संभव नहीं हो सकती.
मान्या पांडे: लोक धरोहर की छोटी बड़ी सुर ताल
मान्या पांडे का जन्म 17 सितंबर 2010 को सीधी जिला के भरतपुर गाँव में हुआ था.महज 5 वर्ष की उम्र से गायन की शुरुआत कर चुकी मान्या अब तक 400 से अधिक मंचों पर प्रस्तुति दे चुकी हैं और उनके पास 2000 से ज़्यादा लोकगीतों का संग्रह है.
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने उन्हें देश की सबसे छोटी लोक गायिका घोषित किया है, और वे विभिन्न शासकीय योजनाओं जैसे मतदाता जागरूकता, बेटी पढ़ाओ‑बचाओ, स्वच्छता, जल संरक्षण, टीकाकरण आदि विषयों पर लोक गीत गाकर जागरूकता फैलाती रही हैं.
सम्मान, पहचान और प्रेरणा
मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके गाए गीत “मामा का चला बुलडोजर, अपराधी कांपि रहे थर‑थर” को ट्वीट के माध्यम से सराहा था; यह गीत सोशल मीडिया में वायरल हुआ था और मुख्यमंत्री ने मान्या के उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं
मुख्यमंत्री ने बाद में उन्हें भोपाल आने का निमंत्रण दिया और सरकार की ओर से उनकी शिक्षा और संगीत प्रशिक्षण देने की प्रतिबद्धता जताई थी.
मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने अमरकंटक में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में मान्या को ₹25,000 एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया था.
2023 में रीवा में आयोजित सरकारी कार्यक्रम “धरती कहे पुकार” में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में मान्या ने प्रस्तुति दी, जिसे प्रधानमंत्री ने 11 मिनट तक खड़े होकर सुना – इस क्षण ने उन्हें देशभर में लोकप्रिय बना दिया.
बघेली लोक संगीत का चहेता चेहरा
मान्या ने विंध्य क्षेत्र की कवायती और सामाजिक लोक परंपराओं को बघेली लोकगीतों के माध्यम से देशभर में लोकप्रिय किया है.उन्होंने अब तक लगभग 422 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मंचों पर प्रस्तुति दी है, विभिन्न लोकल बोली—बघेली के अलावा बुंदेली, अवधी, मैथिली, भोजपुरी और छत्तीसगढ़ी—में भी गीत गाए हैं.
उनकी आवाज़ में बघेली की मिठास और विंध्य की सांस्कृतिक गहराई दोनों झलकती है, और वे अक्सर विन्ध्य लोक रंग महोत्सव जैसे आयोजनों में सक्रिया सहभाग रहती हैं, जो विंध्य की लोक धरोहर को संरक्षित करने और युवाओं तक पहुंचाने का कार्य करते हैं.