छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में दो कुख्यात माओवादी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। रैसिंग कुमेटी और उनकी पत्नी पुनाय आचला ने सुरक्षा बलों के सामने हथियार डाल दिए। दोनों पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 8-8 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था।
रैसिंग कुमेटी कांकेर के देवगांव के रहने वाले हैं। पुनाय आचला कोयलीबेड़ा के आलप्रस की रहने वाली हैं। रैसिंग 2002 से और पुनाय 2005 से माओवादी संगठन में सक्रिय थे। दोनों छत्तीसगढ़ और ओडिशा में कई हिंसक घटनाओं में शामिल रहे हैं।
इन दोनों ने 2009 में मदनवाड़ा में पुलिस पर हमला किया था। इस हमले में राजनांदगांव के SP समेत 29 जवान शहीद हुए थे। 2011 में एएसपी राजेश पवार के काफिले पर हमले में 9 जवान शहीद हुए थे।
2004 में ओडिशा के कोरापुट जेल से हथियार और कारतूस लूटे थे। 2007 में कोंडागांव के विश्रामपुरी थाने पर हमले में 3 जवान शहीद हुए थे।
50 हजार प्रोत्साहन राशि दी गई
छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति 2025 के तहत चल रहे पुनर्वास अभियान से प्रेरित होकर दोनों ने आत्मसमर्पण किया। नक्सली विचारधारा से मोहभंग और सुरक्षा बलों की कार्रवाई से दबाव भी इसका कारण बना।
पुलिस अधीक्षक अक्षय कुमार की मौजूदगी में दोनों को 50-50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई। सरकार की पुनर्वास नीति के तहत अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी।