भाषा विवाद को लेकर मुंबई में शुरू हुई मराठी पाठशाला, BJP-MNS हिंदी भाषियों को सिखाएगी मराठी

महाराष्ट्र में मराठी और हिंदी भाषा विवाद को लेकर सियासी घमासान जारी है. मराठी नहीं बोलने पर राज ठाकरे की पार्टी मनसे द्वारा कई लोगों को पीटने की घटना भी सामने आई है. खासकर मुंबई के मीरा रोड जैसे क्षेत्रों में भाषा आधारित तनाव की स्थिति देखने को मिली है. इसी पृष्ठभूमि में अब राजनीतिक दलों भाजपा और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने एक रचनात्मक और सकारात्मक पहल की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य सामाजिक सौहार्द बढ़ाना और मराठी भाषा को बढ़ावा देना है.

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मनसे ने बोरीवली पश्चिम में अमराठी व्यापारियों के लिए ‘मराठी पाठशाला’ नामक पहल शुरू की है. इस पाठशाला के माध्यम से मुंबई में व्यवसाय करने वाले गैर-मराठी व्यापारियों को मराठी भाषा सिखाई जा रही है, ताकि वे स्थानीय नागरिकों से बेहतर संवाद स्थापित कर सकें.

इस कार्यक्रम में व्यापारियों ने स्वेच्छा से हिस्सा लिया और मनसे कार्यकर्ताओं की सहायता से बारह मराठी शब्दों, दैनिक प्रयोग में आने वाले वाक्यांशों और व्यापारिक संवाद से जुड़े शब्दों का अभ्यास किया. आयोजन में भाग लेने वाले कई व्यापारियों ने इसे उपयोगी बताया और कहा कि स्थानीय भाषा सीखना न केवल व्यवसायिक रूप से लाभदायक है, बल्कि इससे सामाजिक दूरी भी कम होती है.

एक स्थानीय व्यापारी ने कहा, यहां व्यापार करते समय स्थानीय भाषा का ज्ञान आवश्यक है. वहीं मनसे पदाधिकारियों ने इस पहल को लेकर साफ किया कि मराठी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि इस भूमि की पहचान है. हमारा उद्देश्य है कि मुंबई में व्यापार करने वाले लोग स्थानीय संस्कृति और भाषा का सम्मान करें. हम किसी पर दबाव नहीं बना रहे, लेकिन मराठी सीखने की यह जिद भविष्य में भी जारी रहेगी.

भाजपा का मुफ्त मराठी भाषा कक्षाओं का ऐलान

मराठी और हिंदी के बीच पैदा हुए विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी ने भी गैर मराठी नागरिकों के लिए मुफ्त मराठी कक्षाएं शुरू करने का फैसला किया है. भाजपा प्रवक्ता और हिंदी साहित्य भारती महाराष्ट्र के अध्यक्ष प्रो डॉ. दयानंद तिवारी ने बताया कि ये कक्षाएं हर रविवार को सांताक्रूज और सायन में आयोजित की जाएंगी.इच्छुक व्यक्ति बिना किसी शुल्क के पंजीकरण कर कक्षाओं में भाग ले सकेंगे.

इन कक्षाओं में मराठी के स्वर, व्यंजन, उच्चारण, सामान्य शब्दावली और दैनिक वार्तालाप सिखाया जाएगा. विशेष रूप से ड्राइवर, सुरक्षा गार्ड, सब्जी विक्रेता और छोटे व्यवसायियों को ध्यान में रखकर यह पहल की गई है. मराठी भाषा का अच्छा ज्ञान प्राप्त करने वालों को संत ज्ञानेश्वर कृत ज्ञानेश्वरी का हिंदी अनुवाद बतौर उपहार दिया जाएगा.

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