अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट (Hindenburg Report) का शेयर बाजार (Share Market) पर कुछ खास असर नहीं दिख रहा. सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को मार्केट के दोनों इंडेक्स सेंसेक्स-निफ्टी जबरदस्त गिरावट के लाल निशान पर ओपन तो हुए, लेकिन कुछ देर में ही ये रिकवरी मोड में नजर आने लगे. इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला Sensex 375 अंक फिसलकर ओपन हुआ था, लेकिन 1.30 बजे तक ये ग्रीन जोन में पहुंचकर 192 अंक उछलकर कारोबार कर रहा था.
सबसे पहले बात करते हैं BSE Sensex की, तो बता दें कि बीएसई का ये इंडेक्स बीते शुक्रवार को 79,705.91 के स्तर पर बंद हुआ था और सोमवार को इसने गिरावट के साथ 79,330.12 के लेवल पर शुरुआत की. ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि बीते शनिवार को जारी की गई अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर सेंसेक्स और निफ्टी पर दिखेगा, तो शुरुआती कारोबार में ये दिखाई भी दिया. लेकिन Hindenburg का असर ज्यादा देर तक नहीं रहा और दोपहर 1.30 बजते-बजते बाजार रिकवरी मूड में पहुंच गया. खबर लिखे जाने तक Sensex 191.52 अंक की उछाल के साथ 79,897.42 के लेवल पर कारोबार कर रहा था. इससे पहले सेंसेक्स ने एक बार फिर 80,000 का आंकड़ा पार किया था और कारोबार के दौरान 80,106.18 का दिन का हाई लेवल छू लिया था.
सेंसेक्स की तरह ही एनएसई के निफ्टी इंडेक्स ने भी अपने पिछले बंद 24,367.50 के लेवल के टूटकर 24,320.05 पर कारोबार शुरू किया था और कुछ देर तक लाल निशान पर कारोबार करने के बाद NIFTY 50 ने भी छलांग लगा दी और हरे निशान पर पहुंच गया. खबर लिखे जाने तक निफ्टी करीब 34.75 अंक की तेजी लेकर 24,402.25 के लेवल पर ट्रेड कर रहा था.
मार्केट एक्सपर्ट्स पहले से ही ये उम्मीद जता रहे थे कि Hindenburg की इस रिपोर्ट का शेयर बाजार लंबा असर नहीं दिखेगा. इसके पीछे की वजह का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि सेबी पर आई हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट महज भ्रम फैलाने की कोशिश करती है कि किसी ऑफशोर फंड का मतलब ही है कि कोई आपराधिक गतिविधि हुई है. उन्होंने कहा कि बिना सबूत के कथित लाभार्थी अडानी ग्रुप पर अपने ही पहले के दावों को बेढंगे तरीके से दोहराया गया है, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट भी खारिज कर चुका है.