इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक फैसले की काफी चर्चा हो रही है. कोर्ट ने सोमवार को रेप के आरोपी को इस शर्त पर जमानत दी कि वो पीड़िता से शादी करेगा और उसे अच्छा जीवन देगा. कोर्ट ने ये भी कहा कि आरोपी और पीड़िता के संबंध से पैदा हुए नवजात के भरण-पोषण की जिम्मेदारी संभालेगा. साथ ही जेल से रिहा होने के बाद 6 महीने के अंदर नवजात के नाम 2 लाख रुपये भी जमा करेगा. कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार को केवल इसलिए नहीं छीना जा सकता क्योंकि उस पर अपराध करने का आरोप है. किसी व्यक्ति को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक उसका अपराध सिद्ध न हो.
यह आदेश जस्टिस कृष्ण पहल की सिंगल बेंच ने सहारनपुर में दर्ज पॉस्को एक्ट के मामले में दिया. पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने शादी का वादा करके धोखे से उसके साथ संबंध बनाया था. पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी नाबालिग है. आरोपी ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया, जिसकी वजह से वो गर्भवती हो गई.
इस पर परिवार वालों ने साफ मना कर दिया
लड़की के पिता ने ये भी कहा था कि उन्होंने आरोपी लड़के के परिवार वालों से लड़की से शादी करने के लिए बोला. इस पर परिवार वालों ने साफ मना कर दिया. इसके बाद लड़की घर में ही रह रही थी. लड़की के पिता ने ये भी आरोप लगाया था कि उनके परिवार को धमकी भी दी जा रही है. इसके बाद पुलिस ने इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था.
कोर्ट में आरोपी के वकील ने कहा, उस वक्त पीड़िता बालिग थी और मेडिकल जांच में उसकी उम्र 18 साल थी. साथ ही रेप के आरोप से भी इनकार किया गया. आरोपी के वकील ने कोर्ट को ये भी बताया कि सीआरपीसी की धारा-164 के बयान में ये कहा था कि उसके साथ कोई बल प्रयोग नहीं किया गया था. उन्होंने ये भी कहा कि याची पीड़िता की जिम्मेदारी लेने के साथ शादी करने को भी तैयार है.
नवजात की देखभाल करने के लिए तैयार हूं
कोर्ट में याची के वकील की तरफ से ये भरोसा दिलाया गया कि उनके रिश्ते से पैदा होने वाले नवजात की देखभाल करने के लिए तैयार है. याची की तरफ से कोर्ट को ये भी बताया गया कि याची 4 अप्रैल 2024 से जेल में बंद है. उसकी तरफ से कोर्ट को ये भरोसा दिलाया गया कि अगर कोर्ट पीड़िता को बालिग नहीं मानकर उसे जमानत देती है तो वह पीड़िता के बालिग होने पर उससे शादी करेगा और उसके नवजात के भरण-पोषण के लिए 2 लाख रुपए भी जमा करेगा.