‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ढेर हुए आतंकियों में मसूद अजहर का भाई, लश्कर इंचार्ज अबू जुंदाल और जैश का हाफिज मोहम्मद भी

पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की लिस्ट सामने आई है. इनमें जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर के अलावा, लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अबू जुंदाल और जैश के फंडरेजर हाफिज मोहम्मद के नाम भी शामिल हैं. भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई की सुबह करीब 1.30 बजे पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी शिविरों पर हमला किया था. खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के अनुसार, मुदस्सर खादियान खास, हाफिज मुहम्मद जमील, मोहम्मद यूसुफ अजहर, खालिद (अबू अकाशा) और मोहम्मद हसन खान उन पांच आतंकियों में शामिल हैं जो भारतीय हमलों में मारे गए.

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मुहम्मद जमील और यूसुफ अजहर दोनों मौलाना मसूद अजहर के साले थे. मुदस्सर खादियान खास मुरीदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय मरकज तैयबा का प्रमुख था. यूसुफ अजहर आईसी-814 अपहरण मामले में वांटेड था और हसन खान पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था. पाकिस्तान और पीआके में 7 मई को आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की ​प्रोफाइल हम आपको बता रहे हैं…

1. मुदस्सर खादियान खास उर्फ अबू जुंदाल

वह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था. मुरीदके में लश्कर के हेडक्वार्टर मरकजे तैयबा का प्रभारी था. पाकिस्तानी सेना ने उसे गार्ड ऑफ ऑनर दिया. उसके जनाजे की नमाज एक सरकारी स्कूल में पढ़ी गई, जिसका नेतृत्व जेयूडी (एक घोषित वैश्विक आतंकवादी संगठन) के हाफिज अब्दुल रऊफ ने किया. पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने उसे मिट्टी दी और उसके लिए फातिहा पढ़ा. पाकिस्तानी सेना के एक सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के आईजी अबू जुंदाल के नमाज-ए-जनाजा में शामिल हुए.

2. हाफिज मुहम्मद जमील

हाफिज मुहम्मद जमील जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था और मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा साला था. वह बहावलपुर में स्थित जैश के हेडक्वार्टर मरकज सुभान अल्लाह का प्रभारी था, जिसे भारतीय सेना ने 7 मई को एयर स्ट्राइक में तबाह कर दिया था. वह युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से परिचित कराता था यानी उनका ब्रेनवॉश करके उन्हें फिदायीन और आतंकी बनाता था. वह जैश-ए-मोहम्मद के लिए धन जुटाने में सक्रिय रूप से शामिल था.

3. मोहम्मद यूसुफ अजहर

मोहम्मद यूसुफ अजहर को उस्ताद जी, मोहम्मद सलीम और घोसी साहब के नाम से भी जाना जाता था. वह भी जैश-ए-मोहम्मद का एक प्रमुख कमांडर था. यूसुफ जैश चीफ मौलाना मसूद अजहर का साला था. वह जैश-ए-मोहम्मद के लिए वेपन ट्रेनिंग का जिम्मा संभालता था यानी आतंकियों को मिलने वाले हथियार प्रशिक्षण की देखरेख करता था. मोहम्मद यूसुफ अजहर जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल और आईसी-814 कंधार हाईजैक मामले में भारत को उसकी तलाश थी.

4. खालिद उर्फ अबू अकाशा

खालि उर्फ अबू अकाशा लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था. जम्मू और कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल था. अफगानिस्तान के रास्ते हथियारों की तस्करी कराने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका थी. उसे फैसलाबाद के एक कब्रिस्तान में दफनाया गया. अबू अकाशा के नमाज-ए-जनाजा में पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी और फैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर शामिल हुए.

5. मोहम्मद हसन खान

मोहम्मद हसन खान जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था. वह पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था.

भारत ने इन 9 आतंकी ठिकानों पर की थी एयर स्ट्राइक

भारतीय सेना ने 7 मई को पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में जिन 9 लोकेशन पर 24 से ज्यादा हमले किए थे, उनमें से चार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित हैं, जिनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय मरकज सुभान अल्लाह और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मरकज तैयबा, सियालकोट में जैश का सरजल कैंप और हिजबुल मुजाहिदीन का महमूना कैंप शामिल हैं. इसके अलावा अन्य पांच ठिकाने पीओके में स्थित हैं, जिनमें कोटली में लश्कर का बॉम्बर कैंप और गुलपुर कैंप, मुजफ्फराबाद में लश्कर का सवाई कैंप और जैश का बिलाल कैंप और भीमबेर में बरनाला टेरर कैंप शामिल हैं, जिन्हें भारतीय सेना ने एयर स्ट्राइक में नेस्तनाबूद कर दिया था. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक आतंकी शिविरों पर भारत की इस एयर स्ट्राइक में 100 के करीब आतंकियों के मारे जाने की संभावना है.

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