ईरान और इजरायल के बीच चल रहे मौजूदा तनाव के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है. शनिवार को ईरान के न्यूक्लियर साइट्स सहित कई प्रतिष्ठानों पर एक साथ साइबर अटैक हुए हैं. इन साइबर हमलों के बीच ईरान सरकार की लगभग सेवाएं बाधित हुई हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि ईरान पर यह इजरायल का जवाबी हमले की दिशा में पहला कदम है.
इतना ही नहीं साइबर अटैक में ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया गया. यह घटना ऐसे समय में हुई है जब 1 अक्टूबर को ईरान के मिसाइल हमले के खिलाफ इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करने का ऐलान किया था.
ईरान के हर सेक्टर पर हुआ अटैक
ईरान के साइबरस्पेस की सर्वोच्च परिषद के पूर्व सचिव फिरोजाबादी ने घोषणा की कि न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका सहित ईरान के लगभग सभी सरकारी बलों को गंभीर साइबर हमलों और सूचना चोरी का सामना करना पड़ा है.
ईरान इंटरनेशनल के अनुसार, ईरान की सुप्रीम काउंसिल ऑफ साइबरस्पेस के पूर्व सचिव फिरोजाबादी ने कहा, “ईरान सरकार की लगभग हर सेक्टर – न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका – इन साइबर हमलों से प्रभावित हुई है. इसकी वजह से अहम जानकारियां भी चोरी हो गई हैं.”
उन्होंने कहा, “हमारे परमाणु संयंत्रों के साथ-साथ ईंधन वितरण, नगरपालिका सेवाएं, परिवहन और बंदरगाह जैसे महत्वपूर्ण नेटवर्क पर भी साइबर हमला हुआ है. ये घटनाएं देश भर में फैली कई क्षेत्रों का एक छोटा सा हिस्सा मात्र हैं.”
इजरायल ने थी चेतावनी
इससे पहले इजरायल के रक्षा मंत्री ने बुधवार को चेतावनी दी कि हाल ही में हुए ईरानी मिसाइल हमले का जवाब जरूर दिया जाएगा. उन्होंने कहा यह उनके देश की जवाबी कार्रवाई “घातक” और “आश्चर्यजनक” होगी. आपको बता दें कि इजरायल ने उत्तरी गाजा के बाद अब लेबनान में हिजबुल्लाह लड़ाकों के खिलाफ जमीनी हमला किया है.
1 अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर हमला किया और उसके बाद इजरायल ने ईरान को करारा जवाब देने का ऐलान कर दिया. इसके बाद से सारी दुनिया इजरायल के पलटवार से डरी हुई है क्योंकि इजरायल का ईरान पर सीधा हमला मिडिल ईस्ट में महायुद्ध की शुरुआत करवा सकता है लेकिन बड़ी बात ये है कि इजरायल की तरफ से ईरान के हमले के इतने दिन बाद भी सिर्फ धमकियां दी जा रही हैं. इजरायल ईरान को कह रहा है कि वो ऐसा हमला करेगा कि वो याद रखेगा. लेकिन सवाल ये है कि वो हमला कैसा होगा? आखिर इजरायल को जवाब देने में इतना वक्त क्यों लग रहा है?