राजस्थान में डॉलर-यूरो में निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी के मास्टरमाइंड लोकेश चौधरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की गिरफ्तारी किशनगढ़ (अजमेर) से सोमवार रात को हुई है।
चौधरी ने साल 2022 में वीआईपी ट्रेडिंग कंपनी बनाई थी। जिसके जरिए वो लोगों को जल्द कमाई का झांसा देकर फंसाता था। लोकेश चौधरी पॉलिटिक्स में भी हाथ आजमा चुका है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्हें लंबे समय से लोकेश चौधरी की तलाश थी। करोड़ों के इस स्कैम को लेकर दैनिक भास्कर डिजिटल ने भी कई खुलासे किए थे।
आरोपी के भाई ने की पुलिस कार्रवाई की पुष्टि
लोकेश चौधरी के भाई मुकेश चौधरी ने बताया कि पुलिस ने उनके भाई को हिरासत में लिया है। साथ ही उसका लैपटॉप, मोबाइल और कुछ दस्तावेज भी जब्त कर लिए हैं।
आरोपी के वकील नवीन बैरवा का कहना है कि पुलिस मामले में कोई जानकारी साझा नहीं कर रही है। वहीं, लोकेश की गिरफ्तारी के बाद निवेशकों और स्थानीय लोगों में हलचल मच गई है। माना जा रहा है कि इस घोटाले में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
अब जानिए- क्या है पूरा मामला?
किशनगढ़ के रहने वाले लोकश चौधरी ने VIP ट्रेड कंपनी के जरिए करोड़ों का इंवेस्टमेंट करवाया। निवेशकों में अपनी धमक दिखाने के लिए वो नेताओं के साथ तस्वीरें खिंचवाता था।
इस काम में उसके कई सहयोगी थी, जिनकी ठगी में भूमिका थी। अभी तक कंपनी के खिलाफ करीब 22 लोगों ने किशनगढ़ के दो अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज करवाए हैं।
चौधरी ने ठगी की दुनिया में एंट्री करने से पहले पॉलिटिक्स में भी करियर बनाने की कोशिश की थी, पर सफलता नहीं मिली। साल 2020 के निकाय चुनाव में लोकेश ने किशनगढ़ शहर के वार्ड संख्या एक से अपनी मजबूत दावेदारी पेश की थी। किसी भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया।