अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर मामले, संभल मामले, कृष्ण जन्मभूमि मंदिर-शाही ईदगाह मस्जिद मामले सहित तमाम मंदिर-मस्जिद विवादों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे है. अब उन्होंने एक ऐसी लिस्ट बताई है जिसको हटाया जाना चाहिए. विष्णु शंकर जैन ने संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द, अल्पसंख्यक मंत्रालय, मथुरा, भोजशाला, कृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने की बात कही है. साथ ही साथ कोर्ट में चल रहे मामलों को फास्ट ट्रैक करने की मांग की.
यूपी के गाजियाबाद में छत्रपति शिवाजी महाराज के 391वें राज्याभिषेक दिवस के उपलक्ष्य में अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा, ‘हमने कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की है… जैसे काशी और मथुरा मुक्त हो, भोजशाला मुक्त हो, संभल जल्द से जल्द मुक्त हो…इसके साथ ही संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द गलत तरीके से जोड़े गए, अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, अल्पसंख्यक मंत्रालय, ये सारी चीजें खत्म होनी चाहिए.’
उन्होंने आगे कहा, ‘इस पर भी चर्चा हुई कि धर्मांतरण की ऐसी घटनाएं कैसे बढ़ी हैं और उन्हें कैसे रोका जाए. अल्पसंख्यक मंत्रालय को खत्म किया जाना चाहिए. संविधान सभा के दौरान कहा गया था कि अगर हम अनुच्छेद 14 के माध्यम से सभी को समानता का अधिकार दे रहे हैं, तो अल्पसंख्यकों के लिए कोई प्रावधान नहीं होना चाहिए. वह कौन सी मानसिकता थी जिसके कारण अनुच्छेद 29 और 30 जोड़े गए?’
‘मथुरा विवाद फास्ट ट्रैक से निपटाया जाए’
विष्णु शंकर जैन ने आगे कहा, ‘संविधान के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जो परिवर्तन बाद में किए गए उनमें बदलाव होने चाहिए, जैसे संविधान में धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द बदलाव के जरिए जोड़े गए. इसे बदलाव के जरिए हटाया जा सकता है. हमारी मांग है कि मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि को जल्द से जल्द मुक्त कराया जाना चाहिए और कोर्ट में चल रहे मामले को फास्ट ट्रैक जाना चाहिए. हमारे पास सभी सबूत, तथ्य और आंकड़े हैं और हम चाहते हैं कि यह मामला जल्द से जल्द अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंचे.’